CDS Bipin Rawat: जनरल बिपिन रावत ऐसे जांबाज योद्धा थे, जिन्होंने कई बार दुश्मनों की आंख में आंख डालकर देखा था। बता दें कि, उनका जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में एक सैनिक परिवार में हुआ था। उनकी बहादुरी और कर्तव्यनिष्ठा को देखकर आर्मी चीफ पद से रिटायर होने के बाद उन्हें देश का पहला सीडीएस बनाया गया था। एक बार की बात है जब जनरल रावत की दहाड़ सुनकर पाकिस्तान डर गया था।
सीएम धामी ने किया नमन
सैन्यधाम उत्तराखण्ड के गौरव, अदम्य शौर्य और साहस के पर्याय, देश के प्रथम सीडीएस पद्म विभूषण से अलंकृत स्व. बिपिन रावत जी की पुण्यतिथि पर देहरादून में उनकी प्रतिमा पर श्रद्धा-सुमन अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
सैन्यधाम उत्तराखण्ड के गौरव, अदम्य शौर्य और साहस के पर्याय, देश के प्रथम सीडीएस पद्म विभूषण से अलंकृत स्व. बिपिन रावत जी की पुण्यतिथि पर देहरादून में उनकी प्रतिमा पर श्रद्धा-सुमन अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। pic.twitter.com/Uxlpl0KcAK
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) December 8, 2023
चीफ का फेमस बयान
जनरल रावत का एक और बयान काफी याद किया जाता है। उन्होंने कहा था कि “हम एक दोस्ताना आर्मी हैं, लेकिन जब हमें कानून और व्यवस्था बनाने के लिए बुलाया जाता है तो लोगों के हमसे डरना चाहिए।”
8 दिसंबर को हुई थी मौत
जनरल बिपिन रावत 53वें एनडीए कोर्स के चार्ली स्क्वाड्रन के पूर्व छात्र थे। हेलीकॉप्टर दुर्घटना में अपने निधन से पहले, अधिकारी ने 27वें सेना प्रमुख के रूप में और उसके बाद पहले सीडीएस के रूप में देश की सेवा की। 8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर के पास दुर्घटना में जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका और 12 सशस्त्र बल कर्मियों की मौत हो गई थी।