नई दिल्लीः Coal Crisis: शनिवार को दिल्ली के लोगों के मोबाइल पर एक मैसेज आया। ये मैसेज लगभग सभी के फोन पर आया था। जिसके पढ़ने के बाद लोग अचानक चिंता में पड़ गए। दरअसल, दिल्ली में बिजली संकट की आहट शुरू हो गई है। दिल्ली के उत्तरी हिस्से में बिजली सप्लाई करने वाली कंपनी टाटा पावर ने लोगों को मैसेज भेजकर सतर्क रहने और बिजली का संभलकर इस्तेमाल करने के लिए कहा। मैसेज में कहा गया कि राजधानी में दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक सप्लाई पर असर पड़ सकता है। इसलिए लोग सतर्क रहें।
हालात ये ही रहे तो वो दिन दूर नहीं जब पूरे देश के लोगों के पास ऐसे मैसेज आएंगे। कोयला सप्लाई न होने के कारण बिजली सप्लाई पर भी संकट गहरा गया है। पूरे देश में बड़े स्तर पर बिजली संकट गहरा सकता है।
कोयले की तंगी
भारत में 135 बिजली संयंत्र हैं जो कोयले पर निर्भर हैं। जिनमें से आधे से ज्यादा प्लांट कोयले की तंगी झेल रहे हैं इसकी वजह है कोयला भंडार में आई गंभीर कमी। देश में 70 फीसदी से ज्यादा बिजली कोयले से बनती है। ऐसे में कोयला संकट बिजली के उत्पादन को बड़े स्तर पर रोक सकता है। देश में खड़े हो रहे बिजली संकट से देश की अर्थव्यवस्था फिर पटरी से उतर सकती है।
कोयला संकट का कारण
कोरोना की दूसरी लहर के बाद अर्थव्यवस्था में तेजी आई। लिहाजा उद्योग धंधों ने फिर एक बार रफ्तार पकड़ी, उत्पादन कार्य बड़े पैमाने पर शुरू हुए। ऐसे में बिजली की खपत बढ़ गई और कोयले की मांग तेज हो गई। कोयले की मांग बढ़ने से दुनियाभर में कोयले की कीमत 40 तक बढ़ गई। वहीं, पिछले कुछ महीनों में भारत की भंडारण क्षमता में भी कमी आई है। जिससे कोयले का जमा स्टॉक खत्म होता गया। वहीं, सितंबर माह में बारिश के कारण कोयला खदानों में भी काम प्रभावित हुआ है। कोयले की अचानक कमी को रोका जा सकता था अगर माॉनसून से पहले कोयले का पर्याप्ट स्टॉक होता।
यह भी पढ़ें- Social Media Outage: फेसबुक, इंस्टाग्राम ने एक हफ्ते में दूसरी बार आउटेज के लिए मांगी माफी
राज्य सरकारें परेशान
कोयला संकट का असर बिजली उत्पादन पर गहरा गया। जिससे सरकारें डरी हुई हैं। क्योंकी इसका असर उत्पादन पर पड़ेगा। कोरोना के कारण अर्थव्यवस्था अपने निचलतम स्तर पर पहुंच गई थी। दूसरी लहर के बाद इसमें जिस तरह से तेजी आई उससे लोगों को हालात सामान्य होने की उम्मीद बढ़ गई। लेकिन अब कोयला संकट फिर खराब अर्थव्यवस्था को न्यौता दे सकता है।
पंजाब की चन्नी सरकार ने केंद्र से राज्य में कोयला आपूर्ति बढ़ाने की मांग की है। वहीं, दिल्ली के उर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने केंद्र सरकार से अपील की है कि रेलवे वैगन का इस्तेमाल कर दिल्ली में जल्द कोयला पहुंचाया जाए। क्योंकी दिल्ली को जिन प्लांट से बिजली आती है, उनमें 1 दिन का स्टॉक बचा है। कोयला बिल्कुल नहीं है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की।