Ayodhya Case : अयोध्या विवाद का अंग्रेज़ी हुकूमत कनेक्शन, सदियों पुराना है मामला
नई दिल्ली : अयोध्या मामला पर 16 अक्तूबर 2019 यानि आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई ख़त्म हो गयी, जिसके बाद देश की सर्वोच्च अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया। बता दें कि मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पाँच न्यायाधीशों की एक संविधान पीठ 6 अगस्त से लगातार इस मामले की सुनवाई कर रही है। आज मामले की 40वें दिन सुनवाई हुई।
सुनवाई समाप्त होने के बाद अगर मुख्य न्यायाधीश 17 नवंबर तक अयोध्या मामले पर फैसला नहीं देते हैं तो फिर इस मामले की सुनवाई नए सिरे से एक नई बेंच के सामने होगी। हालांकि इसकी संभावना कम ही दिखाई दे रही है। हालाँकि मुख्य न्यायाधीश ने साफ़ किया है कि चार हफ़्तों में मामले का फैसला आ जायेगा।
आज़ादी के पहले से चल रहा है विवाद
राम मंदिर का मामला आजादी के पहले से चला आ रहा है। राम मंदिर का मामला करीब 1853 से शुरू हुआ था। तब हिंदू संगठनों द्वारा आरोप लगाया गया था कि वहां पर पहले भगवान राम का मंदिर था, जिसे तोड़कर मस्जिद का निर्माण कर दिया गया है। विवाद बढ़ने के बाद इस मामले को लेकर हिंदुओं और मुसलमानों के बीच पहली हिंसा हुई।
1859 को अंग्रेज सरकार ने तारों की एक बाड़ खड़ी करके विवादित भूमि के आंतरिक और बाहरी परिसर में मुस्लिमों और हिदुओं को अलग-अलग प्रार्थनाओं की इजाजत दे दी। हालांकि, विवाद तब भी खत्म नहीं हुआ था। फिर 1885 को अयोध्या मामला पहली बार अदालत में पहुंचा। माना जाता है कि 1528 में अयोध्या में मस्जिद का निर्माण मुगल सम्राट बाबर ने किया था। इस कारण इसे बाबरी मस्जिद के नाम से जाना जाता था।