Asaduddin Owaisi को रास नहीं आया Ram Mandir पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
नई दिल्ली : श्री राम जन्मभूमि अयोध्या विवाद में 70 साल से चली कानूनी लड़ाई, 40 दिन तक लगातार सुनवाई के बाद आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ ने ने इस मामले पर अपना फैसला सुनाया।
वहीं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने विरोध करते हुए कहा” वे अयोध्या के इस फैसले से खुश नहीं है। साथ ही कहा मुस्लिम पक्ष अपने कानूनी हक के लिए लड़ाई लड़ रहा था। हमें नहीं चाहिए 5 एकड़ की “खैरात” जमीन का ऑफर । उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष अपने लिए अपने पैसे से मस्जिद बना सकता है। सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च जरूर है, लेकिन अचूक नहीं है।
आपको बता दे कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ जाने से राम मंदिर का रास्ता साफ हो गया है ।वहीं विवादित जमीन रामजन्मभूमि न्यास को मिलेगी और सुन्नी वक्फ को 5 एकड़ वैकल्पिक जमीन दि जाएगी। अदालत ने सरकार को राम मंदिर बनाने के लिए तीन महीने में एक ट्रस्ट बनाने का निर्देश दिया है। केंद्र सरकार मंदिर ट्रस्ट का गठन करेगी । निर्मोही अखाड़े और शिया वक्फ बोर्ड का दावा खारिज कर दिया गया है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जफरयब जिलानी ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले की इज्जत करते हैं। लेकिन हम इससे संतुष्ट नहीं है। वहीं अयोध्या मामले में पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा हम सर्वोच्च अदालत के फैसले का सम्मान करते है।पहले भी कहा था की जो फैसला आएगा उसको मानेंगे। आज भी कह रहे हैं कि हम इसे मानते हैं। अब देखना है कि सरकार हमें मस्जिद निर्माण के लिए जगह कहा देती है। फिलहाल अदालत के इस निर्णय से बहुत बड़ा मसला हल हो गया है। जिसका काफी दशको से इंतजार था ।