Pariksha Pe Charcha 2024: पीएम मोदी ने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के 7वें संस्करण में छात्रों को संबोधित किया। जिसमें कि उन्होंने छात्रों के एग्जाम से निपटने का मंत्र दिया। बता दें कि प्रगति मैदान के भारत मंडपम में कार्यक्रम आयोजित हुआ। साथ ही पीएम मोदी ने बच्चों की लगाई प्रदर्शनी और कला कृतियां भी देखी। संबोधन के दौरान उन्होंने कहा भी कि बच्चों की प्रदर्शनी बेहतरीन है। दरअसल, इस संस्करण में लगभग 3000 बच्चों ने भाग लिया।
भविष्य की चिंता अपनी परीक्षाओं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम के दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “आप उस स्थान पर आए हैं, जहां भारत मंडपम के प्रारंभ में दुनिया के सभी बड़े-बड़े दिग्गज नेताओं ने दो दिन बैठकर विश्व के भविष्य की चर्चा की थी। और आज आप भारत के भविष्य की चिंता अपनी परीक्षाओं की चिंताओं के साथ-साथ करने वाले हैं। एक प्रकार से परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम मेरे लिए भी परीक्षा होता है। आपमें से बहुत से लोग हैं जो हो सकता है मेरी परीक्षा लेना चाहते हों।”
कैसे निपटें सामाजिक दबाव से?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “परीक्षा पे चर्चा का ये सांतवा एपिसोड है। ये प्रश्न हर बार आया है और अलग-अलग तरीके से आया है। इसका मतलब ये है कि सात सालों में सात अलग-अलग बैच इन परिस्थितियों से गुजरे हैं और हर नए बैच को भी इन्हीं समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है। विद्यार्थियों के बैच बदलते हैं लेकिन शिक्षकों के बैच नहीं बदलते। यदि शिक्षकों ने मेरे अब तक के एपिसोड्स की बातों का कुछ न कुछ अपने स्कूल में संबोधन किया हो तो शायद हम इस समस्या को धीरे-धीरे कम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि रोते हुए नहीं बैठना चाहिए जीवन में दबाव आता रहता है, लेकिन खुद को तैयार करना होता है। दबाव को हमें अपने तरीके से जीतने के तरीके का संकल्प लेना चाहिए।”
कैसे निपटें एग्जाम के तनाव से
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आपके दोस्त से आपको किस चीज की स्पर्धा है? मान लीजिए 100 नंबर का पेपर है। आपका दोस्त अगर 90 नंबर ले आया तो क्या आपके लिए 10 नंबर बचे? आपके लिए भी 100 नंबर हैं। आपको उससे स्पर्धा नहीं करनी है आपको खुद से स्पर्धा करनी है। उससे द्वेष करने की जरूरत नहीं है। असल में वो आपके लिए प्रेरणा बन सकता है। अगर यही मानसिकता रही तो आप अपने से तेज तरार व्यक्ति को दोस्त ही नहीं बनाएंगे।”