रश्मि सिंह|Patanjali Misleading Ads Case: बाबा रामदेव को औषधीय उत्पादों के भ्रामक विज्ञापनों पर सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है। दरअसल आज यानी 2 अप्रैल को पतंजलि के औषधीय उत्वादों के भ्रामक विज्ञापनों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने बाबा रामदेव को नियम उल्लंघन करने के लिए कड़ी फटकार लगाई। इस दौरान योग गुरु बाबा रामदेव अदालत में मौजूद थे और उन्होंने बिना शर्त माफी मांग ली। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पतंजलि की तरफ से दाखिल हलफनामे पर असंतोष जताया।
सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव को लगाई फटकार
जानकारी के लिए बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव को भ्रामक विज्ञापनों के नियम उल्लंघन करने पर कड़ी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपका मीडिय विभाग आपसे अलग नहीं है। आपने ऐसा क्यों किया? आपको बीते नवंबर को चेताया गया था। इसके बावजूद आपने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कोर्ट ने कहा कि मामले में एक ही हलफनामा दाखिल किया गया है। जबकि दो हलफनामे दाखिल करने चाहिए थे। कोर्ट ने आगे कहा कि, आपने एक्ट का उल्लंघन कैसे किया? आपने कोर्ट का अंडरटेकिंग देने के बाद भी उल्लंघन किया। आप परिणाम के लिए तैयार हो जाएं। क्या आपने एक्ट में बदलाव को लेकर मिनिस्ट्री से संपर्क किया?
रामदेव ने मांगी माफी
सुप्रमी कोर्ट के फटकार के बाद पतंजिल ने अपनी गलती को स्वीकार किया। रामदेव की ओर से वकिल बलबीर सिंह ने कहा कि, हमारा माफीनामा तैयार है। तो इस पर बेंच ने कहा कि ये रिकॉर्ड में क्यों नहीं है। बलबीर सिंह ने इस पर कहा कि यह तैयार था लेकिन हम चाहते थे जरूरत पड़ने पर जरूरी बदलाव किए जाएं।
कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के बावजूद अखबारों में विज्ञापन दिए जा रहे थे और आपके मुवक्किल विज्ञापनों में नजर आ रहे थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप देश की सेवा करने का बहाना मत बनाइए। इस पर वकील ने कहा भविष्य में ऐसा नहीं होगा। पहले जो गलती हो गई, उसके लिए माफी मांगते है। रामदेव ने भी अदालत में माफी मांगी। उन्होंने काह कि मैं इस आचरण के लिए शर्मिंदा हूं। हम समझते है कि ये सुप्रीम कोर्ट का आदेश है। पीठ ने कहा कि देश की हर कोर्ट का सम्मान किया जाना चाहिए।