जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें दसवीं और बारहवीं की ऑफलाइन बोर्ड परीक्षा को रद्द करने की मांग की गई थी। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने ये भी साफ कर दिया कि बोर्ड परीक्षाएं रद्द नहीं होंगी और ऑफलाइन ही आयोजित की जाएंगी।
Cricket: इंडिया-श्रीलंका T20 सीरीज: दीपक चाहर के बाद एक और खिलाड़ी मैच से बाहर
बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने बोर्ड परीक्षा को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के लिए हामी भरी थी। सुनवाई के दौरान जस्टिस ए.एम. खानविलकर ने कहा कि इस तरह की याचिका पब्लिसिटी पाने के लिए दायर की जाती है। उन्होंने कहा कि ऐसी याचिकाओं से स्टूडेंट्स में भ्रम की स्थिति बन जाती है। कोर्ट ने इस तरह की याचिका दायर करने पर रोक लगाने के लिए भी कहा है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में CBSE, ICSE और NIOS समेत सभी राज्यों के तरफ से आयोजित की जाने वाली ऑफलाइन यानी फिजिकल बोर्ड एग्जाम को रद्द करने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में कहा कि कोरोना केस घटने के बावजूद ऑफलाइन कक्षाएं नहीं हुई, ना ही कक्षाएं पूरी हुईं। ऐसे में ऑफलाइन परीक्षाएं कैसे हो सकती हैं। जिस पर जस्टिस ए.एम. खानविलकर की बेंच ने मौखिक रूप से पूछा कि बिना कोर्स पूरा किए परीक्षा कैसे हो सकती है? CBSE ने 10वीं और 12वीं की टर्म-II बोर्ड परीक्षा 26 अप्रैल से आयोजित करने का फैसला किया है।
कोर्ट ने याचिका की अग्रिम प्रति केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के स्थायी वकील और अन्य प्रतिवादियों को देने का निर्देश दिया था। पीठ ने बुधवार को इस याचिका पर सुनवाई की और फिजिकल बोर्ड एग्जाम ही कराने में किसी तरह की अड़चन नहीं होने की बात मानी। इसी के साथ ऑफलाइन परीक्षा रद्द करने की याचिका को खारिज कर दिया गया।