रश्मि सिंह|EVM-VVPAT Case: सुप्रीम कोर्ट ने वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल के साथ ईवीएम पर डाले गए वोटों के 100 फीसदी सत्यापन की मांग करने के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि मतदान ईवीएम मशीन से ही होगा। ईवीएम-वीवीपैट का 100 फीसदी मिलान नहीं किया जाएगा। 45 दिनों तक वीवीपैट की पर्ची सुरक्षित रहेगी। ये पर्चियां उम्मीदवारों के साथ सुरक्षित रहेगी।
ईवीएम से होगा मतदान
जानकारी के लिए बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने VVPAT के साथ EVM पर डाले गए वोटों के 100 फीसदी सत्यापन की मांग करने की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने फैसला लेते हुए कहा कि, मतदान ईवीएम मशीन से ही होगा। ईवीएम-वीवीपैट का 100 फीसदी मिलान नहीं कियाा जाएगा। कोर्ट का निर्देश है कि चुनाव के बाद सिंबल लोडिंग यूनिटों को भी सील कर सुरक्षित किया जाएगा। यह भी निर्देश दिया गया है कि उम्मीदवारों के पास नतीजों की घोषणा के बाद टेक्निकल टीम द्वारा ईवीएम के माइक्रो कंट्रोलर प्रोग्राम की जांच कराने का विकल्प होगा। जिसे चुनाव की घोषमा के सात दिनों के भीतर किया जा सकेगा।
कब हुआ VVPAT का इस्तेमाल ?
आपको बता दें कि, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और ECIL ने 2013 में VVPAT मशीनें डिजाइन की थी। ये वहीं कपनीहै जो EVM भी बनाती है। VVPAT मशीनों का सबसे पहले इस्तेमाल साल 2013 में नागालैंड विधानसभा चुनाव के समय किया गया था। इसके बाद साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कुछ सीटों पर भी इस मशीन का उपयोग किया गया था। बाद में साल 2017 में गोवा विधानसभा चुनाव में भी इसका इस्तेमाल किया गया था।
साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान VVPAT मशीन का इस्तेमाल पूरे देश में किया गया था।