सुप्रीम कोर्ट ने 3 नए आपराधिक कानूनों को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया। तीनों नए कानून एक जुलाई से लागू होंगे। गृह मंत्रालय ने तीनों कानूनों – भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के लागू होने के संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस जे. बी. पार्दीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने चेन्नई निवासी टी. शिवज्ञानसंबंदन की जनहित याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है।
पीठ ने क्या कहा?
पीठ ने कहा कि नए आपराधिक कानूनों को चुनौती देने वाले आप कौन होते हैं? इस मामले में आपको याचिका दायर करने का कोई अधिकार नहीं है। ये तीनों कानून अंग्रेजों के जमाने में बनाए गए आपराधिक कानूनों की जगह लेंगे। तीनों कानूनों को पिछले साल 21 दिसंबर को संसद की मंजूरी मिल गई थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मु ने 25 दिसंबर को इन पर मुहर लगा दी थी।
इस मामले से कोई लेना-देना नहीं
प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस जे. बी. पार्दीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने चेन्नई निवासी टी. शिवज्ञानसंबंदन की जनहित याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। पीठ ने कहा नए आपराधिक कानूनों को चुनौती देने वाले आप कौन होते हैं? इस मामले में आपको याचिका दायर करने का कोई अधिकार नहीं है।
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