New Delhi Railway Station Stampede News : नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (New Delhi Railway Station Stampede) पर शनिवार, 15 फरवरी की रात को अचानक भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में 18 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है। वहीं दो दर्जन से ज्यादा लोगे के घायल होने की खबर सामने आई है। सभी घायलों को LJP अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सरकार ने मुआवजे का किया ऐलान
रेलवे ने मृतकों के परिजनों और घायलों को मुआवजे का ऐलान भी कर दिया है। केंद्र सरकार ने हादसे पर शोक जाहिर किया है। विपक्षी नेताओं ने भी इस हादसे पर शौक व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। सभी इस सवाल का जवाब ढूंढ रहे हैं कि देश की राजधानी में इस तरह की घटना कैसे हो गई? इस हादसे में प्रशासन और प्रत्यक्षदर्शियों ने अलग-अलग दावे किए हैं।
प्रत्यदर्शी ने बताया आंखों देखा हाल
एक दर्दनाक घटने में अपनी बहन को खोने वाले संजय ने बताया कि “भगदड़ के बाद आधे घंटे तक मुझे मेरी बहन नहीं मिली। जब वह मिली तो उसकी मौत हो चुकी थी। हमने करीब एक घंटे तक उसके हाथ मले, मुंह से सांस देते रहे, लेकिन कुछ नहीं हो सका। स्टेशन में कोई पुलिस नहीं थी, प्रशासन नहीं था।’
एक कुली ने बताया “प्रयागराज जाने वाली ट्रेन को 12 नंबर प्लेटफॉर्म से 16 नंबर पर कर दिया। जिसकी वजह से पुल और एस्केलेटर पर लोग फंस गए। हमने खुद 15 लाशें लोड की हैं। उस दौरान बहुत कम प्रशासन के लोग मौजूद थे। प्रशासन ने आग समझकर दमकल गाड़ियां भेज दी थीं।” वहीं मौजूद एक और प्रत्यदर्शी ने बताया कि “भीड़ इतनी ज्यादा बढ़ गई थी कि पुलिस कंट्रोल ही नहीं कर पा रही थी। ऐसे में पुल पर मौजूद लोगों के बीच भगदड़ मच गई। मुझे यहां 26 साल हो चुके हैं। इस तरह की भीड़ छठ पूजा के वक्त भी नहीं हुई थी।”
CPRO ने घटना की दी जानकारी
इस घटना पर उत्तर रेलवे के CPRO हिमांशु शेखर उपाध्याय ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ मामले पर कहा, “हम सभी को इस दुर्घटना पर बहुत दुख और खेद है। इस हादसे में 18 लोगों की जान गई है। वहीं उत्तर मध्य रेलवे के CPRO शशिकांत त्रिपाठी ने कहा, “हमने प्रयागराज और उसके आसपास के 8 मुख्य स्टेशनों पर एक निर्धारित प्रोटोकॉल बनाया है कि किस तरह से लोगों को स्टेशन में प्रवेश कराया जाएगा और कैसे बाहर निकाला जाएगा। हमने ज्यादातर स्टेशनों पर एक साइड से प्रवेश और दूसरी साइड से निकासी की व्यवस्था की है। इससे लोगों का क्रिस क्रॉस मूवमेंट नहीं होता। हम निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार कार्य कर रहे हैं…हम लोगों की संख्या को देखते हुए लगातार विशेष गाड़ियों का संचालन भी कर रहे है।”
इस तरह से प्रत्यक्षदर्शियों के बयान सामने आ रहे हैं। उससे यह साफ़ पता लगता है कि रविवार 16 फरवरी यानी छुट्टी का दिन होने की वजह से महाकुंभ में जाने वाले लोगों की भीड़ बढ़ गई। शनिवार, 15 फरवरी शाम 4 बजे से ही नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कुंभ जाने वाले लोगों की भीड़ बढ़ने लगी। भीड़ को देखते हुए भी रेलवे प्रशासन ने कोई स्पेशल तैयारी नहीं की। अगर समय रहते प्रशासन मामले पर कार्रवाई करता तो इस तरह की स्तिथि नहीं होती।