जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में पहलगाम की शांत वादियां 22 अप्रैल को गोलियों से थर्रा गई थी। जब वहां आतंकियों ने खुलेआम नरसंहार किया और 26 निर्दोष, निहत्थे पर्यटकों को मौत के घाट उतार दिया। जिसके बाद भारतीय सेना ने इस हमले का बदला लेने के लिए 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया और भारत ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। इसके बाद दोनों देशों के बीच लगभग 4 दिनों तक संघर्ष चला जिसमें कई लोगों की मौत हो गई। इसमें 22 ऐसे बच्चे थे जिन्होंने अपने माता-पिता में से एक या दोनों को खो दिया। ऐसे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने जम्मू-कश्मीर के पूंछ जिले के 22 बच्चों की शिक्षा का खर्च उठाने का फैसला किया है। यह जानकारी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तारिक हामिद कर्रा ने दी।
ऑपरेशन सिंदूर और भारत पाकिस्तान संघर्ष के बाद राहुल गांधी ने पुंछ(Punchh) का दौरा किया था। यहां उन्होंने स्थानीय लोगों के साथ मुलाकात की थी। पार्टी नेताओं ने बताया कि सर्वे और सरकारी रिकॉर्ड की जांच के बाद बच्चों के नाम तय किए गए हैं।
पुंछ दौरे पर बच्चों से मिले थे राहुल
24 मई 2025 को पूंछ दौरे के दौरान राहुल गांधी ने क्राइस्ट पब्लिक स्कूल का भी दौरा किया था, जहां 12 साल के जुड़वां बच्चे उरबा फातिमा और जैन अली भी हताहत हुए थे। राहुल ने बच्चों से कहा, “मुझे तुम पर बहुत गर्व है। तुम्हें अपने नन्हे दोस्तों की याद आती है। मुझे इस बात का बहुत दुख है। अब, तुम्हें थोड़ा खतरा महसूस हो रहा है, थोड़ा डर लग रहा है, लेकिन चिंता मत करो, सब कुछ सामान्य हो जाएगा। इसका जवाब देने का तुम्हारा तरीका यह होना चाहिए कि तुम खूब पढ़ाई करो, खूब खेलो और स्कूल में ढेर सारे दोस्त बनाओ।”
राहुल गांधी ने ने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और स्थानीय कांग्रेस नेताओं को निर्देश दिया कि वे उन स्कूली बच्चों की सूची तैयार करें जिन्होंने अपने माता-पिता या परिवार के मुख्य कमाने वाले को खोया। सत्यापन के बाद अंतिम सूची में 22 बच्चे शामिल किए गए, जिनकी स्नातक तक की शिक्षा का खर्च गांधी उठाएंगे। पहली किस्त की वित्तीय सहायता कांग्रेस नेता कर्रा मंगलवार को पुंछ पहुंचकर राहुल गांधी द्वारा भेजी गई आर्थिक सहायता इन बच्चों के परिजनों को सौंपेंगे ताकि उनकी शिक्षा प्रभावित न हो। उन्होंने कहा इस पहल का उद्देश्य इन बच्चों को सहारा देना है, जिससे उनकी पढ़ाई रुके नहीं।