नई दिल्ली: Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से ही इस बात को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत की रणनीति इसको लेकर क्या होने वाली है। इस बीच केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि अफगानिस्तान में बदलते समीकरण भारत के लिए चुनौती हैं और 15 अगस्त को तालिबान के कब्जे के बाद भारत सरकार अपनी अफगान नीति पर दोबारा विचार करने के लिए मजबूर है।
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Afghanistan Crisis: हम अपनी रणनीति में भी बदलाव ला रहे
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम अपनी रणनीति में भी बदलाव ला रहे हैं। क्वाड का गठन जो कि भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया को मिलाकर बना है, इसी रणनीति के अंतर्गत ही इसका गठन किया गया है। रविवार को तमिलनाडु के ऊटी के पास वेलिंगटन में ‘डिफेंस सर्विसेस स्टाफ कॉलेज’ में अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बात कही।
भारत ने किसी भी पड़ोसी देश पर आक्रमण नहीं किया
भारत की क्षमता होने के बाद भी भारत ने किसी भी पड़ोसी देश पर आक्रमण नहीं किया है और ना ही किसी पड़ोसी देश की एक इंच ज़मीन पर कब्ज़ा किया है, ऐसा भारत का इतिहास रहा है। हम लोगों ने पूरी दुनिया को अपना परिवार माना है। रक्षा मंत्री ने आगे कहा, “भारत-चीन सीमा गतिरोध के दौरान, जब चीनी सेना आगे बढ़ने की कोशिश कर रही थी, मैंने लगभग 11 बजे सेना प्रमुख से बात की स्थिति बहुत गंभीर थी। उस स्थिति में भी हमारी सेना ने जिस तरह समझदारी भरा व्यवहार किया वह काबिले तारीफ है।”
युद्ध समूहों के गठन पर बहुत गंभीर
राजनाथ सिंह ने यह भी कहा, ‘रक्षा मंत्रालय एकीकृत युद्ध समूहों के गठन पर बहुत गंभीरता से विचार कर रहा है। युद्ध के दौरान त्वरित निर्णय लेना एक महत्वपूर्ण फैक्टर हैं। ये समूह न सिर्फ जल्दी फैसले लेने में मदद करते हैं बल्कि एकीकृत फाइटिंग यूनिट्स की संख्या में भी बढ़ोतरी करते हैं।’