Lal Krishna Advani: बीजेपी के अधिक समय तक सांसद रहने लाल कृष्ण आडवाणी का आज जन्मदिन है। बता दें कि उन्होंने लगभग तीन दशक तक संसदीय करियर देखा है। उन्हें देश के एक महत्वपूर्ण नेता के रुप में गिना जाता है। भाजपा का उभरना और एक मजबूत पार्टी बनना इन सबका श्रेय उनको जाता है। आडवाणी का जन्म 8 नंवबर, 1927 में हुआ था। वह कराची के सेंट पैट्रिक स्कूल में पढ़े हैं। उनके अंदर देशभक्ति की भावना थी, जिसके कारण सन 1942 में 14 साल की उम्र में उन्होंने आरएसएस को जॉइन किया था।
करोड़ों कार्यकर्ताओं के आदर्श, हम सभी के मार्गदर्शक, भाजपा परिवार के वरिष्ठ सदस्य, लोकप्रिय राजनेता, आदरणीय श्री लालकृष्ण आडवाणी जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई!
प्रभु श्री राम से आपके उत्तम स्वास्थ्य और सुदीर्घ जीवन की कामना है। pic.twitter.com/bPWCcyYhHD
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 8, 2023
(योगी आदित्यनाथ ने पोस्ट कर दी बधाई)
एक अच्छे लेखक भी, कुछ किताबें…
उन्हें साल 1999 में भारतीय संसदीय समूह द्वारा सांसद पुरस्कार से नवाजा गया था। वह न कि एक अच्छे नेता बल्कि एक अच्छे लेखक भी थे। उनकी किताबें- मेरा देश मेरा जीवन 2008, एक कैदी की स्क्रैप-पुस्तक (1978), नज़रबंद लोकतंत्र (2003), सुरक्षा और विकास के नये दृष्टिकोण (2003), जैसा कि मैंने इसे देखा (2011), माई टेक (2021)। हालांकि यह भी दिलचस्प है कि 1990 के दशक में वह राम जन्मभूमि आंदोलन का चेहरा बनकर उभरे थे। उन्होंने यात्रा भी की थी, जिसका मकसद राम मंदिर निर्माण के अभियान के लिए समर्थन हासिल करना था।
राजनितिज्ञ यात्रा कुछ यूं…
1947 में देश का विभाजन हुआ तो वह दिल्ली चले गए और बाद में राजस्थान में आरएसएस के प्रचारक बने। 4 साल इस पद पर कार्य किया। 1951 में भाजपा के पूर्ववर्ती जनसंघ का हिस्सा बने, 1957 में अटल बिहारी वाजपेयी की मदद से उन्हें दिल्ली ट्रांसफर किया गया। 1970 में राज्यसभा के सदस्य बने और 1989 तक इस सीट पर रहे। दिसंबर 1972 में, वह भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष चुने गए, ऐसे ही सफर आगे बढ़ता रहा और 1996 में भाजपा एक बड़ी पार्टी बन गई। आडवाणी ने 2002 में उप प्रधान मंत्री के रुप में कार्य किया।