Bhilwara News: आजकल चोरों के हौसले काफी बुलंद होते जा रहे हैं। वह तीसरी नजर यानी सीसीटीवी कैमरे से भी खौंफ नहीं खाते हैं। चोर आजकल चोरी के लिए व्यापारिक प्रतिष्ठानों, घरों के साथ साथ धार्मिक स्थलों को भी निशाना बनाने से नहीं चूक रहे हैं। ऐसी ही एक घटना सामने आई है। राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के जहाजपुर उपखंड मुख्यालय स्थित स्वस्ति धाम जैन मंदिर से। यहां 22 मई की देर रात एक बड़ी चोरी को अंजाम दिया गया। चोरों ने मंदिर में स्थापित मुनि सुवर्तनाथ की प्रतिमा से 1 किलो 300 ग्राम सोने का आभामंडल और 3 किलो चांदी के चरण चिन्हों को चुरा लिया। जिसकी कीमत करीब लगभग 1 करोड़ 28 लाख रुपये है। इस घटना से जैन समुदाय में गहरा आक्रोश देखने को मिल रहा है। जेन मंदिर में चोरी के चलते स्थानीय लोगों में सनसनी फैली हुई है।
सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ चोर
वहीं मंदिर में लगे एक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में एक संदिग्ध व्यक्ति की पहचान हुई है। युवक ने सफेद शर्ट और नीली पैंट पहन रखी है। सीसीटीवी फुटेज के अनुसार चोर पहले प्रतिमा के पास कुछ देर तक घूमता रहा। उसके बाद मौका मिलते ही आभा मंडल और चांदी के चरण चिन्ह निकाल लिया। फिर खिड़की से चुन्नी का फंदा बनाकर नीचे उतर कर फरार हो गया।
जैन मंदिर कमेटी के मंत्री ने दी जानकारी
स्वस्ति धाम जैन मंदिर कमेटी के मंत्री पारस जैन ने चोरी की जानकारी देते हुए बताया कि “चोरी रात करीब 1 बजे की गई। यह सिर्फ चोरी नहीं बल्कि जैन समाज की आस्था पर आघात है।” इसके साथ ही उन्होंने प्रशासन से सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम करने की मांग की। वहीं जैन मंदिर कमेटी ने निजी स्तर पर भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर रखे थे। मंदिर के पूरे परिसर में ताकी चोरी ना हो सके लेकिन इसके बावजूद ने उनमें सेंध मारी करते हुए चोरी की घटना को अंजाम दिया है।
थाना अधिकारी ने दर्ज की FIR
थाना अधिकारी राजकुमार नायक ने कहा कि “अज्ञात चोरों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है। घटना स्थल का उच्च अधिकारियों द्वारा निरीक्षण भी किया गया हैं. चोरी की घटना वहां लगे CCTV कैमरे में कैद हुई हैं जिसके आधार पर पुलिस सीसीटीवी फुटेज में कैद चोर की पहचान की जा रही है। आसपास के इलाकों में पूछताछ जारी है।
स्वस्तिधाम का इतिहास
स्वस्तिधाम, जिसे जहाजपुर जैन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भगवान मुनिसुव्रतनाथ को समर्पित है, जो जैन धर्म के 20वें तीर्थंकर हैं।मंदिर की वास्तुकला अद्वितीय है, जो एक जहाज के आकार में बनाई गई है। मंदिर भरे बगीचों से घिरा हुआ है और इसकी सफेद संगमरमर की फर्श बहुत ही आकर्षक है।






 
  
  
  
  
 



 
                                









 
			




































































 
			
 
                                








 
							
 
  
  
 