Sambhal Hinsa Case : उत्तर-प्रदेश (Uttar-Pradesh) सरकार ने संभल मामले पर अपनी स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है। इस रिपोर्ट में यूपी सरकार की तरफ से कई अहम बातें की गई हैं। राज्य सरकार ने इस रिपोर्ट के जरिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में बताया कि संभल जामा मस्जिद में जो कुआं है, वो सामाजिक भूमि पर है। इसके साथ ही मस्जिद भी सार्वजनिक भूमि पर स्थित है।
योगी सरकार ने पेश की रिपोर्ट
उत्तर-प्रदेश सरकार की रिपोर्ट में कहा गया है कि शाही जामा मस्जिद समिति ने गलत तस्वीरों का प्रयोग कर न को गलत तरीके से पेश किया। ताकि यह दिखाया जा सके कि विवादित कुआं मस्जिद के अंदर है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि मस्जिद समिति का आवेदन विवादित स्थल के मामले के दायरे बिल्कुल बाहर है। लेकिन मस्जिद कमेटी कोशिश कर रही है कि सार्वजनिक कुएं पर अपना निजी अधिकार जमा ले। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि “मस्जिद वाला कुआं, उन 19 कुओं का हिस्सा है, जिन्हें प्रशासन की ओर से पुनर्जीवित किया गया है। इस सभी कुओं का वर्षा जल संचयन और जल पुनर्भरण के बाद इस्तेमाल किया जा सकेगा।”
मस्जिद कमेटी की तरफ से किया गया आवेदन
बता दें कि इससे पहले शाही जमा मस्जिद कमेटी की तरफ से एक आवेदन दयार किया गया था। इस आवेदन के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सभी तरह कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। दरअसल मस्जिद कमेटी ने आरोप लगाया था कि उत्तर प्रदेश सरकार क्षेत्र में प्राचीन कुओं को पुनर्जीवित करने के पीछे का मकसद धार्मिक अनुष्ठान है। कुआं मस्जिद के भीतर है। साथ मस्जिद ने कहा था कि सरकार के इस तरह के प्रयासों से हिंसा भड़क सकती है।
क्या है पूरा मामला ?
गौरतलब हो कि शाही मस्जिद के हरिहर मंदिर होने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से निचली अदालत की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगा दी है। इस बीच मस्जिद कमेटी ने प्राचीन कुंओं की तलाश और खुदाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। कमेटी का कुएं को मंदिर का कुआं बताने से वहां पर पूजा शुरू की जाएगी। हालांकि 10 जनवरी को कोर्ट ने नगरपालिका के नोटिफिकेशन पर (मस्जिद के पास के कुंए को हरि मंदिर का कुंआ कहने वाले ) रोक लगा दी थी।