रश्मि सिंह|Basant Panchami 2024: आज पूरा भारत देश बसंत पंचमी मना रहा है। आज माता सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है। सभी मां सरस्वती के मूर्ती को बैठाते है और पूजा अर्चना करते है। एक दिन बात इस मूर्ती को विशर्जीत कर दिया जाता है। पौराणों में ऐसा माना जाता है कि ब्रह्मा जी ने सृष्टि में जान फूंकने के लिए माता सरस्वती की रचना की थी। ज्ञान, बुद्धि, प्रतिभा, स्मरण शक्ति, वाक् शक्ति, विचार शक्ति और निर्णय शक्ति प्राप्त करने का एकमात्र सरल उपाय देवी सरस्वती की पूजा करना है। लोग मां सरस्वती का पूजान अपने ज्ञान प्राप्ती के लिए करते है। कोई व्यक्ति ज्ञान प्राप्त करने के लिए करता है तो कोई कवि बनने के लिए, कोई गायक बनना चाहता, तो कोई लेखक बनना चाहता है। माना जाता है कि मां सरस्वती के जन्म के साथ ही पृथ्वी पर ज्ञान का प्रारम्भ हुआ। जिस दिन सरस्वती प्रकट हुई उस दिन को बसंत पंचमी के रुप में मनाई जाती है। इस साल बसंत पंचमी या सरस्वती पूजा आज यानी 14 फरवरी को है।
मां सरस्वती की कथा
बसंत पंचमी का त्योहार कला और शिक्षा की देवी सरस्वती माता के जन्मदिवस के रुप में मनाया जाता है। माना जाता है कि देवी सरस्वती इसी शुभ तिथि में जन्मी थी। एक पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्मा जी ने सृष्टि का प्रारंभ किया था। एक बार ब्रह्माजी सृष्टि का भ्रमण करने निकले तो उन्हें सारा संसार मूक नजर आया। हर जगह खामोशी छाई थी, ब्रह्माजी अपने सर्जन से संतुष्ट नहीं थे। ब्रह्माजा को लगा कि कुछ कमी रह गई है, जिसके कारण चारों ओर मौन छाया रहता है। तब ब्रह्माजी ने श्री हरि विष्णु से आज्ञा लेकर अपने कमण्डल से जल छिड़का। जैसे ही जल के छीटें पृथ्वी पर बिखरी तो उसमें कंपन होने लगा और एक अद्भुत शक्ति का प्राकट्य हुआ। यह प्राकट्य एक चतुर्भुजी सुंदर स्त्री का था, जिसके एक हाथ में वीणा और दूसरा हाथ वर मुद्रा में था। अन्य दोनों हाथों में पुस्तक और माली थी।