जनतंत्र डेस्क, जयपुर: होली से पहले राजस्थान के कई धार्मिक स्थलों में फाल्गुन महोत्सव और मेलों का सिलसिला शुरू हो जाता है। राजस्थान के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल मेहंदीपुर बालाजी में लक्खी मेला शुरू हो गया है। कोरोना काल के कारण 2 साल से लक्खी मेले का आयोजन नहीं हो रहा था। इस साल देश के कोने कोने से श्रद्धालु मेला देखने मेहंदीपुर बालाजी पहुंच रहे हैं। खास बात ये है कि लक्खी मेले में देश के कई हिस्सों से श्रद्धालु पैदल यात्रा कर यहां पहुंच रहे हैं।
कहा जाता है कि मान्यता पूरी होने के बाद दूर दूर से लोग यहां पैदल बालाजी का झंडा यानी निशान लेकर पहुंचते हैं। करीब 500 किलोमीटर दूर से श्रद्धालु कई दिनों का सफर पैदल तय कर लक्खी मेले में आते हैं। मेला शुरू होने के साथ ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। कई श्रद्धालु तो भक्ति में दंडवत भी मेहंदीपुर बालाजी पहुंचते हैं। हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, एमपी और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों से लोग मेले में पहुंचते हैं।
लक्खी मेला पांच दिनों तक चलता है। यहां पहुंच रहे श्रद्धालुओं में से कुछ तो कई सालों से लगातार लक्खी मेले में पैदल यात्रा कर पहुंच रहे हैं। होली मेले या लक्खी मेला शुरू होने से पहले प्रशासन हाईलेवल तैयारियां शुरू कर देता है। क्योंकि हजारों श्रद्धालु यहां बालाजी के दर्शन करने आते हैं। 500 मीटर एरिया में रस्सी बांधकर अस्थाई रेलिंग बनाई गई है और पुलिस बल तैनात रहता है।