नई दिल्ली: Navratri 2021: मां दुर्गा की अराधना का पावन पर्व नवरात्रि की छठा हर कहीं बिखरी है। भक्त मां की चौकी और जगराता कर देवी दुर्गा को प्रसन्न कर रहे हैं। नवरात्रि के 9 दिन भक्त मां के अलग अलग स्वरूपों की पूजा कर उनसे आशीर्वाद लेते हैं। देवी दुर्गा अपने भक्तों के हर कष्ट और दुख दूर करती हैं। मां दुर्गा का सातंवा स्वरूप है कालरात्रि। पंचाग के अनुसार आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 12 अक्टूबर को है। सप्तमी को नवरात्रि के सातवें दिन की पूजा की जाती है। ये दिन मां कालरात्रि को समर्पित है। मां कालरात्रि की पूजा करने से जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होती हैं।
मां कालरात्रि का स्वरूप
शास्त्रों में मां कालरात्रि के स्वरूप का वर्णन किया गया है। जिसमें उनका रंग घने अंधकार की तरह काला है। बाल बिखरे हुए हैं और गले में एक चमकिली माला है। देवी कालरात्रि के तीन नेत्र हैं। ये तीनों ही नेत्र ब्रह्मांड के समान गोल हैं। कहा जाता है इनकी सांसों से अग्नि निकलती रहती है। ये गर्दभ की सवारी करती हैं। ऊपर उठे हुए दाहिने हाथ की वर मुद्रा भक्तों को वर देती है। दाहिनी ही तरफ का नीचे वाला हाथ अभय मुद्रा में है। यानी भक्तों हमेशा निडर, निर्भय रहो। मां कालरात्रि पापों और बुराइयों का नाश करने वाली देवी मानी जाती हैं।
Navratri 2021: देवी कालरात्रि की कथा
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मां कालरात्रि की पूजा विधि
ॐ कालरात्र्यै नम:
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं दुर्गति नाशिन्यै महामायायै स्वाहा।