Shardiya Navratri 2023: रविवार, 15 अक्तूबर से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो गए हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार हर एक वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर देवी आराधना का महापर्व शारदीय नवरात्रि आरंभ हो जाती है। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना होती है और मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री का पूजा की जाती है। बता दें कि नवरात्रि के पहले दिन आदि शक्ति दुर्गा के पहले स्वरुप की पूजा होती है। मां शैलपुत्री देवी पार्वती का ही स्वरुप हैं जो सहज भाव से पूजन करने से शीघ्र प्रसन्न हो जाती हैं और भक्तों को मनोवाछिंत फल प्रदान करती हैं। मां की कृपा पाने के लिए इस दिन मंदिर में त्रिशूल अर्पित करें।
कब है शुभ महुर्त?
घट स्थापना के साथ आने वाले 9 दिनों तक लगातार देवी दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा उपासना की जाएगी। इस बार कलश स्थापना के लिए ज्यादा मुहूर्त नहीं मिलेंगे। घटस्थापना का सबसे अच्छा और सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त आज सुबह 9 बजकर 27 मिनट से 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।
क्या है इन दिनों का महत्व?
पितृ पक्ष की समाप्ति के बाद शारदीय नवरात्रि का पर्व बड़ी ही धूम-धाम के मनाया जाता है। नवरात्रि के पहले दिन आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना के साथ देवी दुर्गा की मूर्ति की स्थापित करते हैं। फिर अगले 9 दिनों तक देवी दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होती है। नौ दिनों तक अखंड ज्योति जलाई जाती है और हर दिन सुबह-शाम मां दुर्गा की पूजा, आरती और दुर्गा सप्तशी का पाठ किया जाता है। नौ दिनों तक व्रत रखते हुए विधि-विधान के साथ मां दुर्गा की पूजा की जाती है।
जानें पूजन विधि।
- सबसे पहले सुबह स्नान करते हुए व्रत और पूजा का संकल्प लें और सूर्य देव को जल अर्पित करें।
- फिर इसके बाद पूजा स्थल पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें।
- फिर मिट्टी के बर्तन में मिट्टी डाले और उसमें जौ मिला दें।
- भगवान गणेश का नाम लें और मां दुर्गा का स्मरण करते हुए अखंड ज्योति जलाएं।
- तांबे के लोटे पर रोली से स्वास्तिक बनाएं और मौली बांध दें।
- लोटे में गंगाजल मिलाकर पानी भर दें।
- फिर इस पात्र में सिक्के, सुपारी, अक्षत और फूल डालें।
- कलश में अशोक और आम के पत्ते लगाएं।
- इसके बाद सभी तरह की पूजन सामग्री को एकत्रित करते हुए पूजा आरंभ करें।
बना हुआ है शुभ संयोग
आज से शुभ नवरात्रि का महापर्व प्रारंभ हो गया है। आज से आने वाले 9 दिनों तक देवी दुर्गा की पूजा-आराधना की जाएगी। इस बार शारदीय नवरात्रि बहुत ही शुभ योग में शुरू हुआ है। आपको बता दें कि 15 अक्तूबर, सोमवार को बुधादित्य योग, सुनफा योग, वेशी योग और लक्ष्मी योग का संयोग बना हुआ है। इसके अलावा देवी दुर्गा का आगमन हाथी की सवारी के साथ हुआ है जिसे भी बहुत शुभ माना गया है।
किस दिन करें कौन देवी की पूजा?
पहला दिन- माँ शैलपुत्री देवी,
दूसरा दिन- ब्रह्मचारिणी देवी,
तीसरा दिन- चंद्रघंटा देवी,
चौथा दिन- कुष्मांडा देवी,
पांचवां दिन- स्ंकदमाता देवी,
छठा दिन- कात्यानी देवी,
सातवां दिन- कालरात्रि देवी,
आठवां दिन- महागौरी देवी,
नौवां दिन- सिद्धिदात्री देवी