टोक्यो ओलंपिक में भारत के खिलाड़ियों ने ऐतिहासिक प्रदर्शन
टोक्यो ओलंपिक में भारत के खिलाड़ियों ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है. 5 मेडल जीतकर भारत ओलंपिक में अपना दूसरा सबसे अच्छा प्रदर्शन कर चुका है और अगले कुछ घंटे में ये सर्वश्रेष्ठ भी हो सकता है. भारत का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन लंदन ओलंपिक-2012 में रहा है, जहां उसने 6 मेडल अपने नाम किए थे।
अगर ये तीनों खिलाड़ी पदक हासिल कर लेते हैं तो भारत के खाते में 8 मेडल हो जाएंगे
टोक्यो ओलंपिक में भारत के खाते में और पदकों की जुड़ने की उम्मीद है, क्योंकि रेसलर बजरंग पुनिया पुरुषों के फ्रीस्टाइल 65 किग्रा भार वर्ग के सेमीफाइनल में पहुंच चुके है. इसके अलावा नीरज चोपड़ा जैवलिन थ्रो के फाइनल में प्रवेश कर चुके हैं. वहीं, गोल्फर अदिति अशोक महिलाओं के व्यक्तिगत स्ट्रोक प्ले के के तीसरे दौर के बाद दूसरे स्थान पर हैं।
अदिति के पास गोल्ड मेडल जीतने का बेहतरीन मौका है. अगर खराब मौसम के कारण शनिवार (7 अगस्त) को चौथा और फाइनल राउंड नहीं होता है तो अदिति को सिल्वर मेडल मिल सकता है.
अगर ये तीनों खिलाड़ी पदक हासिल कर लेते हैं तो भारत के खाते में 8 मेडल हो जाएंगे, जो उसका ओलंपिक के इतिहास में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन होगा।
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टोक्यो में जारी ‘खेलों के महाकुंभ’ के पहले दिन ही भारत ने पदक के खाते को खोल लिया था. वेटलिफ्टर मीराबाई चनू ने सिल्वर मेडल जीतकर भारत को पहला पदक दिलाया था. इसके बाद बैडमिंटन में पीवी सिंधु ने कांस्य पदक पर कब्जा किया।
लवलीना ने भी जीता कांस्य
स्टार बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने टोक्यो ओलंपिक में यादगार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक अपने नाम किया. उन्हें 69 किलो वेल्टरवेट कैटेगरी के सेमीफाइनल में तुर्की की वर्ल्ड नंबर-1 मुक्केबाज बुसेनाज सुरमेनेली से 0-5 से शिकस्त मिली. इसी के साथ लवलीना बोरगोहेन ओलंपिक मुक्केबाजी इवेंट में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय बॉक्सर बन गईं।
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रवि दहिया ने मचाया धमाल
भारत को इस ओलंपिक में दूसरा सिल्वर मेडल पहलवाल रवि दहिया ने दिलाया. रवि ने 57 किलो फ्रीस्टाइल वर्ग में ये पदक हासिल किया.उन्हें फाइनल में दूसरी वरीय रूस ओलंपिक समिति के पहलवान जावुर युगुऐव से 4-7 से मात मिली. रवि कुमार दहिया ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाले भारत के दूसरपहलवान हैं. रवि से पहले सुशील कुमार ने 2012 के ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता था।
रुष हॉकी टीम ने 41 साल बाद जीता पदक
टोक्यो ओलंपिक में भारत की पुरुष हॉकी टीम ने भी कमाल किया, उसने 4 दशक का सूखा खत्म करते हुए कांस्य पदक जीता. भारत को इससे पहले 1980 के मॉस्को ओलंपिक में मेडल मिला था तब उसने गोल्ड मेडल पर कब्जा किया था।
टोक्यो ओलंपिक में भारत के खाते में और पदकों की जुड़ने की उम्मीद है, देश वासिओ की नज़र टोक्यो ओलंपिक्स पर लगातार बानी हुई है.