Delhi News : दिल्ली के मयूर विहार-2 के संजय झील पार्क में 3 मंदिर हैं। इन तीनों मंदिर को तोड़ने का नोटिस डीडीए के हॉर्टिकल्चर विभाग की तरफ से चस्पा कर दिया है। इस बाद मंदिरों को तोड़ने के लिए बुलडोजर एक्शन शुरू हुआ। लेकिन इस बीच बवाल काफी ज्यादा बढ़ गया। अब इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज, गुरूवार, 20 मार्च को सुनवाई हुई।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इंकार
इस मामले पर वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि “मंदिरों को तोड़ने के लिए रात में प्रक्रिया की शुरुआत की गई। सुबह मंदिर ध्वस्त करने के लिए 500 सुरक्षा बल और अधिकारी वहां पहुंच गए।” इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि “डीडीए के वकील को कॉपी सर्व करिए।” विष्णु शंकर जैन आगे कहा कि “यह मंदिर 35 साल से वहां मौजूद हैं। और सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक 2009 से पहले के धार्मिक स्थल नहीं हटाए जा सकते हैं।”
दिल्ली के 3 मंदिरों पर बुलडोजर एक्शन
इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि “आप हाईकोर्ट क्यों नहीं जाते?” इस पर वकील विष्णु ने कहा कि “जहांगीर पुरी मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया था।” सुप्रीम कोर्ट ने कहा “हाईकोर्ट जाइए इसी के साथ यह याचिका खारिज कर दी गई।” फिर सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने तीनों मंदिर समितियों को हाईकोर्ट जाने की छूट दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि “आप जितना बता रहे हैं, इस मामले में काफी कुछ है।”
बुलडोजर एक्शन फिलहाल रोक
दरअसल डीडीए की तरफ से 3 मंदिरों को तोड़े जाने का नोटिस आने के बाद यहां के लोग गुस्से में आ गए और साथ ही विरोध प्रदर्शन करने लगे। हंगामा इस हद तक बढ़ गया कि संजय झील पार्क में मंदिरों पर बुलडोजर से होने वाली कार्रवाई पर फिलहाल के लिए रोक लगानी पड़ी। बता दें कि जिन मंदिरों पर एक्शन लिया जा रहा है उनमें कालीबाड़ी मंदिर, अमरनाथ मंदिर और तीसरा बद्रीनाथ मंदिर शामिल है। वहीं मंदिर के पुजारी का कहना है कि “कई सालों से वो पूजा करते आए हैं। लेकिन यहां किसी को कोई समस्या नहीं है।