Supreme court on Waqf Act News : वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को चुनौती देने वाली 73 से अधिक याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज, गुरूवार 17 अप्रेल को दूसरे दिन की सुनवाई होगी। इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। यह कानून दोनों सदनों से पारित होने को बाद 8 अप्रैल, 2025 को लागू हुआ था। कानून वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और नियमन में सुधार लाने का दावा करता है। हालांकि इस कानून के खिलाफ पूरे देश में विरोध देखने को मिल रहा है।
कोर्ट ने केंद्र सरकार पर उठाए सवाल
इसे विपक्षी दलों, मुस्लिम संगठनों और अन्य याचिकाकर्ताओं ने “मुस्लिम विरोधी” और “असंवैधानिक” करार देते हुए चुनौती दी है। सुनवाई के पहले दिन दोनों पक्षों में खूब बहस देखने को मिली। इस दौरान मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कई अहम मुद्दों पर सवाल उठाए। वक्फ संपत्तियों को डिनोटिफाई करने और वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने जैसे मुद्दों पर कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल किए।
#BreakingNews | जस्टिस बी.आर. गवई होंगे देश के अगले CJI
➡️CJI संजीव खन्ना ने की उनके नाम की सिफारिश
➡️केंद्र सरकार को पत्र लिख की नाम की सिफारिश
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— Jantantra Tv (@JantantraTv) April 17, 2025
वक्फ काउंसिल में गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति
नए कानून में वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ काउंसिल में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने का प्रावधान है। इसे प्रावधान पर विपक्ष ने कड़ी नाराजगी दिखाई है। वहीं कोर्ट ने भी इस प्रावधान को धार्मिक स्वायत्तता के खिलाफ माना। कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा, “क्या आप हिंदू धार्मिक ट्रस्टों में मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने की अनुमति देंगे?” कोर्ट ने कहा कि काउंसिल के स्थायी सदस्यों को मुस्लिम होना चाहिए, हालांकि एक्स-ऑफिशियो सदस्य गैर-मुस्लिम हो सकते हैं।
कलेक्टर को दी गई शक्तियां
नए कानून में अगर जिला कलेक्टर किसी संपत्ति को सरकारी जमीन के रूप में पहचानता है, तो वह वक्फ संपत्ति नहीं मानी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रावधान पर आपत्ति जताई और कहा कि कलेक्टर की जांच के दौरान किसी भी संपत्ति का वक्फ दर्जा खत्म नहीं होगा। कलेक्टर जांच कर सकता है, लेकिन उसका प्रभाव तब तक लागू नहीं होगा, जब तक उस पर किसी तरह का कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जाता।
‘वक्फ बाय यूजर’ संपत्तियों का दर्जा
कोर्ट ने इस प्रावधान पर भी सवाल उठाया, जिसमें ‘वक्फ बाय यूजर’ संपत्तियों, जिन्हें पहले कोर्ट के आदेशों के तहत वक्फ घोषित किया गया था। इस नए कानून में उन्हें अमान्य करने की बात कही गई है। इस पर मुख्य न्यायाधीश खन्ना ने कहा कि ” ऐसी संपत्तियों को डिनोटिफाई करना “बड़ी समस्या” पैदा कर सकता है, क्योंकि कई मस्जिदें और अन्य धार्मिक संपत्तियां सदियों पुरानी हैं।”