रश्मि सिंह|Supreme Court On WhatsApp: सुप्रीम कोर्ट ने इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप व्हाट्सऐप से जुड़ा एक बड़ा फैसला दिया है। सर्वोच्च अदालत ने व्हाट्सऐप यूजर्स के लिए चेतानवी जारी की है। कोर्ट ने यूजर्स से कहा है कि वह अपना फोन नंबर बदलने से पहले सारा डेटा व्हाट्सऐप से डिलीट कर दें।आपको बता दें कि डीएक्टिवेट मोबाइल नंबर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना नजरिया साफ कर दिया है। एडवोकेट राजेश्वरी ने एक याचिका दायर कर मांग की थी कि टेलिकॉम रेगुलकेटरी अथॉरिटी को डीएक्टिवेट हो चुके फोन नंबर किसी दूसरे यूजर को देने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। लेकिन शीर्ष अदालत ने उनकी मांग को खारिज कर दिया है और फैसला सुनाया कि टेलिकॉम कंपनियां अब बंद हो चुके मोबाइल नंबर, दूसरे ग्राहकों को दे सकती है।

व्हाट्सऐप यूजर्स की होगी जिम्मेदारी
सुप्रीम कोर्ट ने व्हाट्सऐप यूजर्स को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अपना नंबर बदलने से पहले यूजर्स को डाटा जरुर डिलीट करना चाहिए। यानी अगर आप प्रीपेड नंबर बदल रहे है तो ऐसा करने से पहले अपना व्हाट्सऐप अकाउंट डिलीट कर दें या फिर उसे दूसरे नंबर पर मूब कर दें। आप व्हाट्सऐप के अकाउंट सेक्शन में जाने के बाद अकाउंट से लिंक नंबर में बदलाव कर सकते है।
TRAI का नियम
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दूरसंचार विभाग के नियम के मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति का मोबाइल नंबर रिचार्ज ना होने के चलते डीएक्टिवेट हो जाता है तो कम से कम 90 दिनों तक वह नंबर किसी और को नहीं दिया जा सकता है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि टेटलिकॉम कंपनियों को कोई भी मोबाइल नंबर किसी दूसरे यूजर को तुरंत ट्रांसफर नहीं करना है।