नई दिल्ली। Gyanvapi Masjid: ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में अब मंदिर का प्रमाण ढूंढा जाएगा। जरूरत पड़ने पर भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण संबंधित स्थल में खोदाई भी शुरू हो सकती है। गुरुवार को वाराणसी की सिविल अदालत ने उप्र सरकार को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया है। सर्वे में पुरातात्विक सर्वेक्षण के पांच विख्यात पुराविदों को शामिल करने को कहा है। इस कमेटी में दो सदस्य मुस्लिम समुदाय के होंगे।
मामले की होगी सुनवाई : Gyanvapi Masjid
बता दें मामले की अगली सुनवाई 31 मई को होगी। अदालत ने कहा है कि पुरातात्विक सर्वे का मुख्य उद्देश्य यह है कि उक्त स्थल पर धार्मिक ढांचा किसी अन्य धार्मिक निर्माण पर अवलंबित तो नहीं है और पुरावशेष में क्या परिवर्तन या संवर्धन किया गया है? यदि ऐसा है तो उसकी निश्चित अवधि, आकार, वास्तुशिल्पीय डिजाइन और बनावट विवादित स्थल पर वर्तमान में किस रूप में है? कमेटी इसकी भी खोज करेगी।
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अध्यारोपित की गई
विवादित स्थल पर क्या कभी हिंदू समुदाय का कोई मंदिर कभी रहा जिस पर आलोच्य मस्जिद बनाई गई या अध्यारोपित की गई। यदि हां, तो उसकी निश्चित अवधि, आकार, वास्तुशिल्पीय डिजाइन और बनावट के विवरण के साथ किस हिंदू देवता अथवा देवतागण को समॢपत था, इसके भी साक्ष्य जुटाए जाएं।
मंदिर के निर्माण को लेकर
ज्ञानवापी में नए मंदिर के निर्माण तथा हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार आदि को लेकर 1991 में प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वरनाथ की ओर से पंडित सोमनाथ व्यास, हरिहर पांडेय आदि ने मुकदमा दायर किया था। इस मुकदमे की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक में चल रही है।
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