नई दिल्ली। आज ही के दिन 17 मार्च 1962 भारत की महान बेटी और पहली भारतीय महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला का जन्म हुआ था। कल्पना चावला का जन्म हरियाणा के एक जिले में हुआ। कल्पना चावला ने अपने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था की में अंतरिक्ष के लिये ही मेरा जन्म हुआ है। मेरा हर पल अंतरिक्ष के लिया बिताया और में इसी के लिये मरूंगी। कल्पना चावला ने जो कहा वो सब सच साबित हुआ। लेकिन 1 फेरबरी 2003 को कुछ ऐसा हुआ जिससे भारत के लिए बहुत ही दुखद की खबर सुनने को मिली की अंतरिक्ष से लौटते से उनका यान दुर्घटनाग्रहस्त हो गया।
Lockdown Movie: भारत के लॉकडाउन पर बनने जा रही फिल्म का पहला पोस्टर जारी
दिलो में जिन्दा
हरियाणा जैसे क्षेत्र में जन्मी कल्पना ने कभी नहीं सोचा था वो ज्यादा पढ़-लिख भी पाएंगी। कल्पना को भले ही दुनिया ने खो दिया हो लेकिन आज भी वो हम सभी के दिलो में जिन्दा है। उनके पिता का नाम बनारसी लाल चावला और मां का नाम संजयोती है। कल्पना अपने घर में सबसे छोटी थी लेकिन उनके कारनामे सबसे बड़े थे जिसे पूरी दुनिया आज भी याद करती है।
अंतरिक्ष यान में बेहद दिलचस्पी
कल्पना की शिक्षा की शुरुवात करनाल के टैगोर निकेतन में हुई। वो बचपन से ही इंजीनियर बनना चहाती थी। उन्हें अंतरिक्ष यान में बेहद दिलचस्पी थी। अपने स्कूल खत्म होने के बाद उन्होंने ऐरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। उसके बाद वो मास्टर्स की डिग्री प्रयाप्त करने के लिए अमेरिका चली गयी। कल्पना पहली भारतीय मूल की छात्रा थी जो नासा में यात्री के तोर पे शामिल हुई।
1997 में पहली अंतरिक्ष उड़ान
अपनी कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने 1997 में पहली अंतरिक्ष उड़ान भरी। उन्होंने 1.04 करोड़ मील सफर के बाद 360 घंटे स्पेस में बिताये उनकी पहली उड़ान सफलतापूर्वक रही। 16 जनवरी को शुरू हुआ ये अभियान 1 फरवरी को खत्म होना था। ये वही दिन था जब धरती पर लौटने के दौरान उनका यान दुर्घटनाग्रहस्त होगया जिसमे कल्पना चावला समेत 6 और अंतरिक्ष यात्रिओ की मौत हो गयी.