नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को दिल्ली सरकार से कहा है कि निजी अस्पतालों की फीस को लेकर आम लोग शिकायत कर रहे हैं कि निजी अस्पतालों से ज्यादा पैसे वसूल रहे हैं। इसीलिए जल्दी ही यह तय किया जाए कि कोरोना मरीजों के इलाज के लिए निजी अस्पताल कितनी फीस ले सकते हैं।
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कोर्ट ने तल्ख लहजे में कहा कि यह काम बहुत पहले हो जाना चाहिए था। हाईकोर्ट ने कहा कि आम लोग लगातार प्राइवेट अस्पतालों पर कोरोना के इलाज के लिए ज्यादा पैसे लेने के आरोप लगा रहे हैं, लेकिन दिल्ली सरकार ने कोर्ट में कहा कि उनको ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है।
प्राइवेट अस्पतालों में कैंप लगाए सरकार
इस पर कोर्ट ने कहा कि आम लोगों से प्राइवेट अस्पताल ज्यादा पैसे वसूल रहे हैं और इस पर सरकार की तरफ से प्राइवेट अस्पतालों पर कैंप लगाने की जरूरत है। कोर्ट ने कहा कि प्राइवेट अस्पतालों पर ट्रीटमेंट के लिए कितना पैसा लिया जा सकता है, वह फिक्स किया जाए।
पहले भी कोर्ट ने उठाया था अधिक वसूली का मुद्दा
हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए यह भी कहा कि आपको अब तक यह कर लेना चाहिए था। कोर्ट ने कहा कि हमने 7 मई को भी यह मुद्दा उठाया था, लेकिन अभी तक दिल्ली सरकार की तरफ से प्राइवेट अस्पतालों को यह निर्देश नहीं दिए गए हैं कि कोरोना के इलाज के अधिकतम कितनी फीस ली जा सकती है।
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कोर्ट ने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सचिव को निर्देश दिया कि वह प्राइवेट हॉस्पिटल के एसोसिएशन के साथ बैठकर यह तय करें कि कोरोना इलाज के लिए किसी मरीज से कितना पैसा लिया जा सकता है।