नई दिल्ली: तीर्थराज प्रयागराज और धर्मनगरी काशी में बाढ़ का कहर जारी है. वाराणसी में बाढ़ का पानी गांव के खेतों तक पहुंच गया है. जिससे फसल बरबाद हो रही है.मेहनत से तैयार की गई फसल खराब होते देख किसान खून के आंसू रो रहा है. लेकिन प्रकृति के गुस्से के आगे किसकी चली है.
प्रयागराज में आई बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है. घर बाढ़ में डूबे हैं और लोग परेशान हैं. ये तस्वीरें प्रयागराज की हैं. जहां गलियों में वाहन की जगह नाव चल रही है. गली में नदियों और नालों का पानी आने की वजह से जलकुम्भी के पौधे गलियों तक तैरते हुए आ गए हैं. लोग घर की बाल्कनी में खड़े होकर गली में आ रही नाव को देख रहे हैं. NDRF की टीम बचाव कार्य में लगी हुई है. मुहल्लों में नाव चल रही है. घरों की पहली मंजिल पूरी तरह से पानी में डूब गई है. लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है…फिलहाल गंगा में प्रति घंटे एक सेंटीमीटर की रफ्तार बनी हुई है. वाराणसी में गंगा का जलस्तर 71.48 मीटर तक हो चुका है. वहीं प्रयागराज में भी गंगा में लगातार अभी भी बढ़ाव का रुख बना हुआ है.
जिसका पानी पूर्वांचल तक आना तय है. वहीं वरुणा और असि के साथ ही गोमती में भी पलट प्रवाह की वजह से बाढ़ ने इसके किनारे पर रहने वालों को भी जद में ले लिया है. ढाब क्षेत्र के कई गांवों का आपस में संपर्क टूट चुका है.इसकी वजह से लोगों को पलायन करना पड़ रहा है. वहीं दूसरी ओर जलस्तर में और इजाफा होने के बाद गंगा नई अन्य कालोनियों की ओर रुख करने लगी हैं. तो इस तरह पूर्वांचल के कई जिले बाढ़ का जद में हैं. देखना ये होगा कि कब लोगों को प्रकृति के इस कहर से मुक्ति मिलेगी.