30 साल पहले जिसने रखी थी राम मंदिर शिलान्यास की पहली ईट, सुप्रीम फैसले पर जताई ख़ुशी
नई दिल्ली : अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है और अयोध्या में राम मंदिर बनने का रास्ता भी साफ़ हो गया है। इस फैसले ने जहाँ दशकों पुराने विवाद का अंत कर दिया है, वहीं गंगा-जमुनी तहजीब को बढ़ावा देते हुए अयोध्या में ही मस्जिद निर्माण का भी रास्ता साफ़ कर दिया है। ये मस्जिद विवादित भूमि से दूर 5 एकड़ के विशाल क्षेत्र में बनेगा। सुप्रीम आदेश के बाद अब राम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू होगा, लेकिन आज से 30 साल पहले जब राम मंदिर की शिलान्यास किया गया था, तो उस समय जिसने पहली ईट रखी थी, उस शख्स ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ख़ुशी जाहिर की है।
राजीव गांधी की अनुमति से रखी गई थी राम मंदिर की नींव
ये वाकया है 9 नवम्बर 1989 का, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की अनुमति से राम मंदिर की नींव रखी गई थी। उस समय, जब राम मंदिर की नींव रखी गई थी, तब नींव की पहली ईट विश्व हिंदू परिषद के तत्कालीन जॉइंट सेक्रटरी कामेश्वर चौपाल ने रखी थी। बिहार के कामेश्वर चौपाल दलित समुदाय से ताल्लुकात रखते है और 30 साल पहले राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू करवाने को लेकर सक्रिय भूमिका निभाई थी, लेकिन कई कारणों से उस समय मंदिर का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका।
कामेश्वर चौपाल ने ख़ुशी जाहिर की
वहीं, अब जबकि सुप्रीम फैसले से राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है, तो इस फैसले पर कामेश्वर चौपाल ने ख़ुशी जाहिर की है। सुप्रीम फैसले से खुश कामेश्वर चौपाल ने बताया कि राम मदिंर शिलान्यास की पहली ईट मेरे द्वारा ही रखी गई थी और मुझे ताउम्र इस बात का गर्व रहेगा। चौपाल के मुताबिक उस दिन शिलान्यास के लिए 2 लाख ईटों को देश के तकरीबन सभी राज्यों से मंगवाया गया था।
उस ख़ास पल को ऐतिहासिक बताते हुए चौपाल ने कहा कि संतों द्वारा एक दलित व्यक्ति से मंदिर का शिलान्यास करवाना मेरे लिए वैसा ही था, जैसे राम जी द्वारा शबरी को बेर खिलाना। चौपाल ने कहा कि वो ऐतिहासिक पल मेरे लिए नही बल्कि पूरे दलित वर्ग के लिए गर्व का विषय है। मै उस क्षण को जिन्दगी भर नही भुल पांउगा। आपको बता दें कि चौपाल 65 साल के हो चुके है। चौपाल इतने मशहूर हो गए थे कि वे दो बार बिहार विधान परिषद के सदस्य भी बने।