Babri Masjid: जमीयत उलेमा की गुरुवार को राजधानी लखनऊ में एक बैठक हुई थी। जिसमें 37 जिलों से हजारों की संख्या में उलेमा के सदस्य आए थे। ये बैठक जमीयत जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी की अध्यक्षता में हुई थी। मदनी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि, जमीयत चाहती है कि लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग स्कूल बने। कक्षा 8 के बाद लड़के और लड़कियां एक ही स्कूल में न पढ़े।
बाबरी मस्जिद के लिए लंबी
मौलाना अरशद मदनी ने कहा, ‘हमने अयोध्या में बाबरी मस्जिद के लिए लंबी अदालती लड़ाई लड़ी। वास्तव में हमने इस लड़ाई में जीत हासिल की। कोर्ट ने यह नहीं कहा कि इस मस्जिद को किसी मंदिर के ऊपर बनाया गया था। उसने केवल बड़ी संख्या में लोगों की धार्मिक मान्यताओं के आधार पर संपत्ति को दूसरे पक्ष को सौंप दिया।’ मदनी जिस कार्यक्रम में बोल रहे थे, वहां हिस्सा लेने के लिए उत्तर प्रदेश के मध्य क्षेत्र के 37 जिलों के प्रतिनिधि पहुंचे हुए थे।
हम सच्चे राष्ट्रवादियों में से हैं
अरशद मदनी ने आगे कहा कि, “हमने अदालत को बताया था कि अगर किसी भी प्रार्थना स्थल को किसी अन्य धर्म के मंदिर के अवशेषों के ऊपर बनाया गया है। तो वहां समाज अदा करने की इजाजत नहीं है, ये साबित भी हुआ कि बाबरी को किसी मंदिर को तोड़कर नहीं बनाया गया था। यहीं पर हमारी जीत होती है। इसके अलावा हम सहिष्णु लोग हैं और आजादी की लड़ाई में अपनी असाधारण भागीदारी के लिए जाने जाते हैं। हम आज भी उन सच्चे राष्ट्रवादियों में से हैं, जो एक बेहतर भारत के निर्माण में लगे हुए हैं।”