नई दिल्ली। बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार यानी एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम नामक खतरनाक बीमारी से छोटे—छोटे मासूम बच्चों की मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अभी तक आंकडों की बात की जाए तो 140 बच्चों ने इस बीमारी से दम तोड़ा है। कल बुधवार को भी कई बच्चों ने तड़प—तड़पकर दम तोड़ा है। वहीं दूसरी ओर इस बीमारी के कारण केन्द्र व राज्य सरकारों पर मुकदमों का सिलसिला चल पड़ा है। जिसके चलते देश के उच्चतम न्यायालय में हॉस्पिटलों में सुविधाओं को बढ़ाने के लिए जनहित याचिका दायर की गई।
अपने जिगर के टुकड़ों को खो देने के बाद परिजनों ने मंगलवार को राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केन्द्र व राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए हैं। वहीं दूसरी ओर मानवाधिकार आयोग ने भी केन्द्र व राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
सुप्रीम कोर्ट दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि बच्चों की अधिकतर मौतें इलाज व सुविधाएं पूरी न होने के कारण हो रही है। इसलिए सुविधाएं बढ़ाने तथा इसमें अभी तक हुइ्र लापरवाही की जिम्मेदारी तय करने का आग्रह किया गया है। याचिका में प्रभावित इलाकों में सौ मोबाइल आइसीयू बनाने तथा अस्पतालों में डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने की मांग की गई है। वकील मनोहर प्रताप और सनप्रीत सिंह अजमानी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर इस जनहित याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। इसकी सुनवाई सोमवार को होगी।