नई दिल्ली: Caste Census: जातीय जनगणना के मुद्दे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में 11 राजनीतिक दलों का प्रतिनिधि मंडल पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात करने के लिए दिल्ली स्थित बिहार भवन से निकल चुका है। जिसमें राज्य के राजनीतिक दलों के एक-एक प्रतिनिधि शामिल हैं। PM नरेंद्र मोदी से बातचीत करने के लिए CM नीतीश कुमार सोमवार की रात ही दिल्ली पहुंच गए थे। इसके अलावा बैठक में उनके साथ शामिल होने वालों में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी हैं।
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Caste Census: 2021 में जातीय जनगणना
नीतीश कुमार ने कहा हमलोग शुरू से ही जातीय जनगणना को लेकर अपनी बात कह रहे हैं। बिहार ही नहीं पूरे देश में लोग इसके बारे में सोचते हैं। इसी दृष्टिकोण को लेकर कल हमलोग अपनी बात रखेंगे।’ नीतीश से 2021 में जातीय जनगणना को लेकर सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी से होने वाली मुलाकात पर सवाल किया गया था।
(Caste Census) तेजस्वी यादव का बयान
तेजस्वी यादव के बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मुझे कौन क्या कह रहा है, इससे फर्क नहीं पड़ता है। वो लोग खुद मिलने के लिए आए थे और इसके पहले भी हम लोगों ने मांग रखी थी। इससे क्या फर्क पड़ता कि कौन क्या बोल रहा है?’
विधानमंडल के किसी भी सदन का सदस्य
इससे पहले प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में चुने जाने के सवाल पर उन्होंने कहा था कि ये कोई मुद्दा नहीं हैं। हर दल एक व्यक्ति को मनोनीत कर सकता है जो विधानमंडल के किसी भी सदन का सदस्य हो सभी पार्टियों ने अपने अनुसार नाम भेजे हैं। मेरे अलावा 10 और प्रतिनिधि होंगे, जो अपनी-अपनी पार्टियों का प्रतिनिधित्व करेंगे।
मंडल युग से ओबीसी का राजनीति में वर्चस्व रहा
जाति जनगणना की मांग पिछले महीने संसद में केंद्र के एक बयान से शुरू हुई थी कि जिसमें केवल अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की आबादी की गणना का प्रस्ताव किया गया था। बिहार जैसे राज्यों में, जहां मंडल युग से ओबीसी का राजनीति में वर्चस्व रहा है, पिछड़े वर्गों को ध्यान में रखते हुए जातिगत जनगणना की जोरदार मांग हो रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बार-बार जातिगत जनगणना कराने की वकालत करते रहे हैं।