नई दिल्ली: Gorakhpur Model: मुख्यमंत्री योगी अदित्यानाथ ने वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कदम उठाया है प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड गोरखपुर माॅडल अपनाएगा। उत्तर प्रदेश के लगभग 10 लाख आबादी वाले राज्य में यह माॅडल लागू किया जाएगा।
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Gorakhpur Model: इन शहरों में लागू होगी योजना
उत्तर प्रदेश के आगरा, प्रयागराज, अनपरा, बरेली, फिरोजाबाद में मॉडल लागू किया जाएगा वहीं गजरौला, गाजियाबाद, झांसी, कानपुर, खुर्जा, लखनऊ, मुरादाबाद नोएडा, रायबरेली, वाराणसी, गोरखपुर व मेरठ में योजना लागू होगी।
गोरखपुर में वायु गुणवत्ता में महत्वपूर्ण सुधार
गोरखपुर में नगर निगम, वन विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए हाइवे निर्माण, सड़क चौड़ीकरण, पार्किंग इंफ्रास्ट्रक्चर, एंड-टू-एंड पेविंग आफ दि रोड, हाट स्पाट प्रबंधन जैसी ढांचागत परियोजनाओं को कुशल व रणनीतिक तरीके से लागू किया। इसके बेहतरीन परिणाम भी देखने को मिले गोरखपुर में 2020-21 में वायु गुणवत्ता में महत्वपूर्ण सुधार हुआ और अच्छी वायु गुणवत्ता वाले दिनों की संख्या में वृद्धि हुई है। इसके बाद इस रणनीति को रायबरेली व खुर्जा में भी लागू किया गया। वहां पर भी वायु गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है। नवंबर से इस रणनीति को शहरों में लागू करने की तैयारी है।
डस्ट एप पोर्टल रखेगा निर्माणों पर निगाह
डस्ट एप पोर्टल रखेगा निर्माणों पर निगाह निर्माण कार्य के दौरान होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का डस्ट एप पोर्टल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सभी निर्माण परियोजनाओं को अनिवार्य रूप से डस्ट कंट्रोल सेल्फ आडिट अपलोड करना होगा। इसके बाद बोर्ड संबंधित विभागों की संयुक्त टीमों के जरिए इनका क्रास आडिट कराएगी। इसके अलावा सड़क की धूल को वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण माना गया है। इसे कम करने के लिए परिवहन के दौरान निर्माण सामग्री की यांत्रिक सफाई, छिड़काव और कवरिंग किए जाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।