मुंबई: ऐसा कौन सा व्यक्ति होगा जो सोनू सूद के बारे में नहीं जानता होगा? कोरोना लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों की मदद कर ख्याति कमाने वाले अभिनेता सोनू सूद को मुंबई महानगरपालिका ने मुंबई उच्च न्यायालय में दिए अपने हलफनामे में आदतन अपराधी करार दिया है। बीएमसी के हलफनामे के बाद उच्चन्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है। दूसरी ओर आज सोनू सूद ने राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से भी मुलाकात की है।
सूद को बीएमसी ने नोटिस दिया था-
मुंबई के जुहू इलाके में एक छह मंजिला रिहायशी इमारत को होटल में बदलने के मामले में सोनू सूद को बीएमसी ने नोटिस दिया था। इस नोटिस के विरोध में सोनू सूद ने मुंबई उच्चन्यायालय में याचिका दायर की थी। जिसका जवाब देते हुए बीएमसी ने अपने हलफनामे में सोनू सूद को आदतन अपराधी बताया है। बीएमसी का कहना है कि सोनू ने पहली बार नियम नहीं तोड़ा है। पहले भी वह कई बार ऐसा कर चुके हैं। उन पर दो बार कार्रवाई भी हो चुकी है।
गाँधी परिवार को गाली देने वाला, कांग्रेसी का नगर अध्यक्ष
बीएमसी के अनुसार, उन्होंने रिहायशी इमारत को नियम विरुद्ध जाकर होटल में बदल दिया है। जबकि इसकी अनुमति उनके पास नहीं है। इसीलिए उन्हें नोटिस भेजा गया है। बता दें कि बीएमसी ने इससे पहले सोनू के विरुद्ध मुंबई पुलिस को भी शिकायत भेजकर उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश कर रखी है। बुधवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए उच्चन्यायालय ने इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।
सोनू सूद ने शरद पवार से मुलाकात की-
दूसरी ओर सोनू सूद ने बुधवार को सुबह राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से उनके घर जाकर मुलाकात की। इस मुलाकात को भी उनपर बीएमसी की कार्रवाई जोड़कर देखा जा रहा है। माना जाता है कि शिवसेना उनसे खुश नहीं है। लाकडाउन के दौरान श्रमिकों को उनके घर भेजने की मुहिम के दौरान भी शिवसेना मुखपत्र सामना में उन्हें भाजपा का प्यादा बताया गया था।

शिवसेना को इस बात की शिकायत थी कि सोनू सूद उसी दौरान राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से मिलने जा पहुंचे थे। इसके कुछ दिन बाद ही सोनू सूद को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी निवास पर जाकर उनसे मुलाकात करनी पड़ी थी।