नई दिल्ली : सरकार ने बुधवार को कहा कि 2011 में करायी गयी जाति आधारित जनगणना 2011 के आंकड़े जारी करने का अभी कोई प्रस्ताव नहीं है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय तथा तत्कालीन आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय द्वारा क्रमश: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना (एसईसीसी) 2011 की गई थी।
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जाति संबंधी आंकड़ें
उन्होंने कहा कि जाति संबंधी आंकड़ों को छोड़कर, एसईसीसी 2011 के आंकड़ों को ग्रामीण विकास मंत्रालय तथा आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय द्वारा अंतिम रूप देकर प्रकाशित किया जा चुका है। राय ने कहा कि जाति संबंधी कच्चे आंकड़े सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय को आंकड़ों के वर्गीकरण और श्रेणीकरण के लिए उपलब्ध करा दिए गए हैं। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा दी गई सूचना के अनुसार, इस स्थिति में जाति संबंधी आंकड़े जारी करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
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जातिवार जनसंख्या की गणना नहीं करने का फैसला
उन्होंने अपने जवाब में कहा कि जनगणना में , उन जातियों एवं जनजातियों की जनगणना की जाती है, जो संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश , 1950 और संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश , 1950 के अनुसार अधिसूचित हैं। स्वतंत्रता के बाद भारत ने नीतिगत रूप से अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के अतिरिक्त जातिवार जनसंख्या की गणना नहीं करने का फैसला किया है।