Jamia में हुई हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला – HC जाएं याचिकाकर्ता
नई दिल्ली : देश के राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) के नामचीन शिक्षण संस्थानों में से एक जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी (Jamia Millia Islamia University) में नागरिकता संशोधन एक्ट (Citizenship Amendment Act) को लेकर हुए बवाल और पुलिस की कार्रवाई को लेकर तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं।
इसी बीच बवाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका (Petition) दाखिल की गई थी, जिस पर आज सुनवाई हुई। इस मामले में कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को सबसे पहले हाईकोर्ट (High Court) जाना चाहिए। हाईकोर्ट जो भी फैसला सुनाएगा, उसी के आधार पर आगे की सुनवाई की जाएगी।
Jamia में हुई हिंसा पर Supreme Court का सख्त रूख
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सख्त लफ्जों में कहा कि बिना अनुमति पुलिस को यूनिवर्सिटी कैंपस में प्रवेश नहीं करना चाहिए। जस्टिस संजय हेगड़े (Sanjay Hegde) ने कहा कि कैंपस से जुड़े लोगों की गिरफ़्तारी से पहले यूनिवर्सिटी प्रशासन को इसके बारे में बताना जरुरी है।
बता दें कि दिल्ली पुलिस पर आरोप है कि वो जामिया कैंपस में बिना अनुमति के दाखिल हुई थी और छात्रों को बेवजह पीटा गया, जबकि पुलिस का कहना है कि कैंपस के अन्दर से पुलिस बल पर हमला किया गया, जिसके बाद पुलिस ने आवश्यक कार्रवाई की।
दिल्ली-यूपी सहित पूर्वोत्तर के राज्यों में बवाल
बता दें कि दिल्ली सहित यूपी (Uttar Pradesh) और नार्थ ईस्ट (North East) के राज्यों में इन दिनों सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट को लेकर बवाल देखने को मिल रहा है। जगह-जगह से विरोध प्रदर्शन और आगज़नी की घटना सामने आ रही है। हालाँकि इन विरोध प्रदर्शनों से निपटने के लिए पुलिस बल भी पूरी तरह से तैयार है और किसी भी तरह के उपद्रव को रोकने के लिए संवेदनशील जगहों पर पुलिस बल को तैनात किया गया है।
बता दें कि हाल ही में संसद के दोनों सदनों से सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल (Citizenship Amendment bill) पास हो चूका है, जिसके बाद अब ये कानून बन चूका है। इस कानून के अनुसार पाकिस्तान (Pakistan), बांग्लादेश (Bangladesh) और आफ्गानिस्तान (Afganistan) से आये हिन्दू, बौद्ध पारसी, इसाई और अन्य धर्मों के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी, जबकि मुस्लिमों को इससे दूर रखा गया है और इसी वजह से जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं।