जनतंत्र जेस्क, नई दिल्ली: हमारे देश के युवा देश की तरक्की और उसका उत्थान करने में एक अहम भूमिका निभाते हैं। इसी सिलसिले में दिल्ली के शिक्षा मंत्री और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने संस्था डिसोम से जुड़े युवा फेलोस और उनकी लीडरशिप टीम से मुलाकात की। ये संस्था सामाजिक व राजनीतिक नेतृत्व खड़ा करने में जुटी है। केजरीवाल सरकार युवाओं को समाज की कमियों के बारे में जागरुक करती है साथ ही समाज को सुधारने का काम कर रही है।
सिसोदिया ने कहा कि मुझे आपकी सबसे अच्छी यह चीज लगी की आप अपने नाम और अपनी पहचान से आगे सोच रहे हैं जो की शिक्षा का असली लक्ष्य है। उन्होंने यह भी कहा की यह हमारे शिक्षा प्रणाली की असफलता है कि बच्चों को पता ही नहीं कि वो किस मकसद से पढ़ रहे हैं। शिक्षा का काम केवल नौकरी देना और आइएएस, इंजीनियर व डॉक्टर बनाना नहीं हैं बल्कि उनके माइंडसेट को फोकस करना है कि वो किस क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं।
शिक्षा को हर कोने तक ले जाने पर चर्चा के दौरान सिसोदिया ने कहा कि बात केवल नियत की है। अगर देश के हर कोने में कोक, चावमीन, इंटरनेट पहुंच सकता है तो शिक्षा भी पहुंच सकती है। हमारी नियत थी इसीलिए हमने पांच साल में दिल्ली के स्कूल सुधार दिए। अगर दिल्ली की झुग्गी वाले स्कूल ठीक हो सकते हैं, तो हर जगह के स्कूल भी सुधर सकते हैं। इसी के साथ डिसोम लीडरशिप स्कूल भविष्य के राजनीतिक और सामाजिक ‘सेवक नेताओं’ को विकसित करने पर काम करता है।