नई दिल्ली : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख नेता शरद पवार ने सोमवार को एक सवाल किया कि दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी ज़मात का आयोजन करने के लिए किसने अनुमति दी। शरद पवार ने फेसबुक पर लाइव बातचीत के दौरान कहा कि ऐसे तो मुम्बई के पास सोलेपुर जिले में जमात का आयोजन होने वाला था लेकिन हमने lockdawn को देखते हुए अनुमती नहीं दी।
मुंबई में सभी आयोजनों को करने से पहले रोक दिया गया था उसके बाद आयोजकों के खिलाफ मुम्बई पुलिस ने उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की, शरद पवार ने सवाल किया अगर महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस तरह का निर्णय ले सकते हैं, तो दिल्ली में इसकी अनुमति क्यों दी गई।
तब्लीगी जमात के कार्यक्रम को टालना चाहिए था
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने निजामुद्दीन कार्यक्रम को लेकर मीडिया के प्रचार के बारे में अपने विचार रखें। उन्होंने कहा- मीडिया इस मामले को अनावश्यक ही प्रचारित कर रही है? यह देश में एक विशेष समुदाय को चोट करता है। इससे पहले भी शरद पवार ने कहा था- ‘दिल्ली की मरकज में जो हुआ उसके बाद सब लोग अपने-अपने गांव गए हैं इससे खतरा बढ़ रहा है। तब्लीगी जमात के कार्यक्रम को टालना चाहिए था, लेकिन टाला नहीं गया।
बता दें दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात का मरकज लगा हुआ था, यह मरकज दिल्ली पुलिस के थाने की दीवार के साथ लगी हुई है। 21 मार्च को मरकज में 1746 लोग शामिल थे। इनमें 216 विदेशी और 1530 लोग भारतीय थे। इनमें से कुछ लोग कोरोना संक्रमित थे और यह देश के अलग अलग हिस्सों में गए जिसकी वजह से महामारी काफी तेजी फैली।
देश में कोरोना संक्रमण के मामले चार दिन में दोगुने हुए
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि निजामुद्दीन स्थित मरकज से निकले तब्लीगी जमात के लोगों से देश में कोरोना संक्रमण के मामले चार दिन में दोगुने हो गए हैं।
बात करें महाराष्ट्र की तो कोरोना का सबसे ज्यादा कहर इसी राज्य में देखने को मिला है। यहां कुल संक्रमितों की संख्या 781 पहुंच गई है वहीं कोरोना से मौत के मामले में भी ये राज्य सबसे आगे है।महाराष्ट्र में सोमवार को 33 और मामलों की पुष्टि हुई है। नए मामलों में 19 पुणे से, 11 मुंबई से और सतारा, अहमदनगर तथा वसई (पालघर जिले) से एक-एक मामले आए हैं।