नई दिल्ली: PM Modi Cabinet Meeting: मौजूदा हालत में देश के अन्नदाता तीन कृषि कानूनों के विरोध में पिछले साल से विरोध प्रदर्शन किये जा रहे है। किसान के विरोध प्रदर्शन के बीच कई बार किसानों का आक्रामक प्रदर्शन देखने को भी मिला है। दरअसल किसानों की मांग इन तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की है। जिस पर आज मोदी सरकार की ओर से किसानों को तोहफा दिया गया है।
मोदी सरकार ने 6 रबी फसलों पर बढ़ाई एमएसपी
बता दें, मोदी कैबिनेट ने आज गेहूं समेत 6 रबी फसलों का एमएसपी बढ़ाने का फैसला लिया है। मोदी सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 40 रुपये बढ़ाकर 2,015 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने जौ पर 35 रुपये, चना पर 130 रुपये, मसूर पर 400 रुपये और सरसों पर 400 रुपये सहित कुसुम पर 114 रुपये एमएसपी बढ़ाने का फैसला लिया है। यानि अब जौ 1635 रुपये, चना 5230 रुपये, मसूर 5500 रुपये, सरसों 5050 रुपये और कुसुम्भ (सूरजमुखी) 5471 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा। MSP बढ़ने के बाद अब गेहूं 40 रुपये बढ़ाकर 2,015 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो इससे पहले 1,975 रुपये प्रति क्विंटल का था. गेहूं की उत्पादन लागत 1,008 रुपये प्रति क्विंटल होने का अनुमान लगाया गया है।
यह भी पढ़े:-PM Modi For UP: मिशन यूपी के लिए बीजेपी ने कसी कमर, सितंबर में पीएम मोदी का दो बार दौरा।
पिछले साल के मुकाबले काफी ज्यादा बढ़ी MSP
दरअसल, MSP यानि न्यूनतम समर्थन मूल्य वह दर है जिसमें सरकार किसानों से अनाज खरीदती है। मौजूदा समय में सरकार खरीफ और रबी दोनों मौसमों में उगाई जाने वाली 23 फसलों के लिए एमएसपी तय करती है। खरीफ (गर्मी) फसलों की कटाई के तुरंत बाद अक्टूबर से रबी (सर्दियों) फसलों की बुवाई शुरू हो जाती है। गेहूं और सरसों रबी की प्रमुख फसलें हैं, CCEA ने फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) और 2022-23 विपणन सत्रों के लिए छह रबी फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि को मंजूरी दी है। इनमें जौ का समर्थन मूल्य 2021-22 के फसल वर्ष के लिए 35 रुपये बढ़ाकर 1,635 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। जो पिछले वर्ष 1,600 रुपये प्रति क्विंटल था।
किसानों में भरम फैलाने वालो पर नरेंद्र तोमर ने कसा तंज
मोदी कैबिनेट के फैसले के बाद ‘केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर’ ने किसानों को भड़काने और गुमराह करने वालों पर तंज कस्ते हुए कहा कि, ‘कुछ लोग यह गलत सूचना फैलाने की कोशिश कर रहे हैं कि एमएसपी बंद कर दिया जाएग।बल्कि इसके विपरीत कृषि कानूनों के लागू होने के बाद एमएसपी पर फसलों की खरीद और एमएसपी की दर लगातार बढ़ रही है।’