Jharkhand Floor Test: झारखंड की राजनीति के लिए आज का दिन बेहद खास है। दरअसल, झारखंड में नई सरकार चुनी गयी, जहां सीएम चंपाई सोरेन को बनाया गया। हालांकि, आज उनकी अग्निपरीक्षा है। रिजॉर्ट पॉलिटिक्स के बाद सभी 36 विधायकों को रांची वापस लाया जा चुका है। तो वहीं कुछ ही देर में उनका फ्लोर टेस्ट होगा। जिसमें पूर्व सीएम भी हिस्सा लेंगे। ऐसे में सबकी निगाहें फ्लोर टेस्ट पर टिकीं हुई हैं। ऐसे में जानिए क्या है ये फ्लोर टेस्ट
क्या होता फ्लोर टेस्ट
फ्लोर टेस्ट उस प्रक्रिया को कहा जाता है। जहां ये साबित करना होता है कि उनकी सरकार को अभी भी विधायकों का समर्थन प्राप्त है या नहीं। राज्यपाल मुख्यमंत्री को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कहते हैं। दरअसल, विधानसभा में जिस भी पार्टी को बहुमत प्राप्त होता है, राज्यपाल उस दल के नेता को सीएम बनाता है। जो बहुमत साबित करने में नाकाम होता है उसे इस्तीफा देना पड़ता है।
कैसे होता फ्लोर टेस्ट
बता दें कि फ्लोर टेस्ट के दौरान सभी विधायकों को विधानसभा में मौजूद रहना पड़ता है। इसके बाद वह अपना-अपना वोट देते हैं। इससे पहले सभी पर्टियां विधायकों को हर हाल में विधानसभा में पेश होने के लिए कहती हैं। कोई भी अगर पेश नहीं होता तो उसके खिलाफ कार्रवाई होती है। इसके साथ ही बता दें कि झारखंड में कुल 81 विधानसभा सीटें हैं। हालांकि, एक सीट खाली है और 80 सीटों पर बहुमत पर आंकड़ा 41 है।