बेंगलुरु : कर्नाटक में आज हुए फ्लोर टेस्ट के बाद 14 महीने पुरानी कुमारस्वामी सरकार गिर गयी है। कर्नाटक विधानसभा में आज विश्वासमत पर वोटिंग हुई, जिसमें कांग्रेस-जेडीएस के पक्ष में 99, जबकि बीजेपी के पक्ष में 105 वोट पड़े। फ्लोर टेस्ट में कुमारस्वामी की हार के बाद अब बीजेपी कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए एक्टिव हो गयी है। खबर है कि बीजेपी नेता राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।
कर्नाटक के सियासी संकट की शुरुआत
वैसे तो कर्नाटक के सियासी संकट की शुरुआत, राज्य में कांग्रेस-जेडीएस सरकार की गठन के बाद ही शुरू हो गया था। बसपा और निर्दलीय विधायकों को साथ लेकर बनी इस सरकार पर शुरुआत से खतरों के बादल मंडरा रहे थे और समय-समय पर कांग्रेस और जेडीएस नेताओं में भी अनबन की खबर सामने आती रहती थी। लेकिन सियासी नाटक की शुरुआत उस समय हुई, जब कांग्रेस के 13 और जेडीएस के 3 विधायकों ने अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया। हालाँकि विधानसभा स्पीकर ने उनका इस्तीफ़ा स्वीकार नहीं किया। जिसके बाद बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए स्पीकर के कार्यक्षेत्र में हस्तक्षेप से इंकार कर दिया, लेकिन विधायकों को विधानसभा जाने या ना जाने की छूट दी और कहा कि विधानसभा में आने या ना आने को लेकर विधायकों पर दवाब नहीं बनाया जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने बदली तस्वीर
बागी विधायकों को लेकर दिए गए SC के इसी फैसले से कुमारस्वामी सरकार बैकफुट पर आ गयी। विश्वासमत पर वोटिंग के दौरान बागी विधायक उपस्थित नहीं रहे और कुमारस्वामी सरकार फ्लोर टेस्ट में फ़ैल हो गयी। फ्लोर टेस्ट में कुमारस्वामी सरकार की हार के बाद अब राज्य में बीजेपी की सरकार बनने का रास्ता साफ़ हो गया है। माना जा रहा है कि बीजेपी की तरफ से बीएस येदियरुप्पा कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री हो सकते हैं।