जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: महंगाई आसमान छू रही है। रोजमर्रा की चीजों से लेकर ट्रैवल करना भी महंगा हो गया है। पेट्रोल डीजल के दामों में कमी नहीं हो रही ऐसे में महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक शख्स ने बाइक छोड़ घोड़े को अपनी गाड़ी बना ली। पिछले दो सालों से ये शख्स घोड़े पर बैठकर ही ऑफिस आना-जाना कर रहा है।
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औरंगाबाद के शेख युसूफ…जो स्थानीय लोगों में घोड़े वाले के नाम से फेमस हैं। शहर का इकलौता शख्स जो बाइक, गाड़ी या साइकिल से नहीं घोड़े से ऑफिस जाता है। दरअसल, साल 2020 में जब कोरोना की पहली लहर में देश में लॉकडाउन लगा था। तब सब कुछ बंद हो गया था। कई लोगों ने अपनी नौकरी भी गंवा दी थी। इनमें से एक 49 साल के युसूफ भी हैं। जो कोविड की पहली लहर में लैब असिस्टेंट की नौकरी से हाथ धो बैठे।
नौकरी तो चली गई लेकिन घर के खर्चे और लोन नहीं गया। खर्चे पूरे करने के लिए सब्जी की दुकान भी खोली। हालांकि बाद में वापस उनको लैब असिस्टेंट का काम मिल गया। लैब उनके घर से करीब 16 किलोमीटर दूर था। युसूफ के पास पुरानी बाइक थी लेकिन पेट्रोल डीजल के बढ़े दाम और बाइक को सही करवाने का खर्चा भी था। तभी युसूफ को ख्याल आया कि एक रिश्तेदार के पास काठियावाड़ी ब्रीड का एक काले रंग का घोड़ा था, जिसे वह 40 हजार रुपये में बेच रहे थे। युसूफ ने बाइक बेच रिश्तेदार से किश्तों में घोड़ा खरीद लिया।
अब दो साल से युसूफ घोड़े से ही आवाजाही कर रहे हैं। लोग उन्हें ‘घोड़े वाला’ के नाम से जानने लगे हैं। युसूफ ने घोड़े को ‘जिगर’ नाम दिया है। ऑफिस में भी वे जिगर का ख्याल रखना नहीं भूलते।