रश्मि सिंह|Maratha Reservation Live Updates : मराठा आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सराकर ने महाराष्ट्र विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाया है। इस विशेष सत्र में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी कार्यवाही के लिए पहुंच गए है। विधानमंडल के विशेष सत्र से पहले महाराष्ट्र कैबिनेटने शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत मराठा आरक्षण के बिल के मसौदे को मंजूरी दी है। सरकार का विशेष सत्र बुलाने का मुख्य उद्देश्य है कि अन्य समुदायों को लाभों को प्रभावित किए बिना मराठा समुदाय को स्थायी आरक्षण प्रदान किया जाए।
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— Jantantra Tv (@JantantraTv) February 20, 2024
जानकारी के लिए बता दें कि, एकनाथ शिंदे की महायुति सरकार ने मंगलवार को 10 प्रतिशत मराठा कोटा के विधेयक को मंजूर दी है। जिस विधेयक को मंजूरी दी है वह तत्कालीन देवेंद्र फड़नवीस सरकार द्वारा पेश किए गए सामाजिक और शैक्षणिक रुप से पिछड़ा वर्ग अधिनियम , 2018 के समान है। एक दशक में यह तीसरी बार है जब राज्य ने मराठा कोटा के लिए कानून पेश किया है।
मराठा आरक्षण ड्राफ्ट बिल की खास बात
- मराठा समाज की सरकारी नौकरियां और शिक्षा में भागीदारी कम है इसलिए सरकार इस बिल के द्वारा पर्याप्त भागीदारी देना चाहती है।
- सर्वे रिपोर्ट के आधार पर उन्हें सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक दृष्टि से पिछड़ा घोषित किया गया है।
- सर्वे रिपोर्ट के अध्ययन से ये भी पता चलता है कि सामाजिक शैक्षणिक और आर्थिक दृष्टि से इनकी पहचान न्यूनतम है
- मराठा समाज की आबादी राज्य की कुल जनसंख्या की 28 फीसदी है।
- कुल 52 फीसदी आरक्षण में कई बड़ी जातियां और वर्ग पहले से शामिल हैं। ऐसे में 28 फीसदी जनसंख्या वाले समाज को अन्य पिछड़ा वर्ग में रखना असमानता होगी। इसलिए इस समाज को अलग से आरक्षण देने की जरूरत है।