नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा 17 ओबीसी जातियों को अनुसूचित जातियों में शामिल करने पर अब बसपा सुप्रीमो मायावती ने बड़ा दांव खेला है। मायावती का कहना है कि अगर सरकार ने आरक्षण के 50 फीसदी के दायरे की सीमा को तोड़ ही दिया है, तो फिर आबादी के हिसाब से दलित और पिछड़ों को आरक्षण दिया जाना चाहिए।
इससे पहले मायावती ने योगी सरकार के इस फैसले का विरोध जताया था। मायावती ने कहा था कि 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों में शामिल करना योगी सरकार को धोखा है। ये गैरकानूनी और असंवैधानिक है।
योगी सरकार के इस फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी योगी सरकार के इस फैसले को गैरकानूनी बताया। वहीं, केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने सीएम योगी के इस फैसले को असंवैधानिक बताते हुए कहा कि किसी जाति को किसी अन्य जाति के वर्ग में डालने का काम संसद का है। हम योगी सरकार के इस फैसले को वापस लेने की अपील करेंगे।
बता दें कि योगी सरकार ने जिन 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का आदेश दिया है, उनमें कहार, कश्यप, केवट, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, मल्लाह, निषाद, बिन्द, भर, राजभर, धीमर, मांझी, वाथम, तुरहा, गोड़िया, और मछुआरा शामिल हैं।