जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: नई दिल्ली में 10 जूलाई को भारत विकास परिषद् ने अपना 60 वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर देशभर के उद्योगपति, शिक्षाविद, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। इस मौके पर महिलाओं का देश के निर्माण में योगदान हेतु महिला सशक्ति सम्मान समारोह का आयोजन भी किया गया और शिक्षा के क्षेत्र से 10 महिला प्राचर्याओं को सम्मानित किया गया। इसके अलावा इस सुअवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथियों ने मुख्य टिप्पणी की, जो इस प्रकार हैं।
कार्यक्रम की विशिष्ठ अतिथि श्रीमती अलका दास ने कहा
इस मौके पर कार्यक्रम की विशिष्ठ अतिथि श्रीमती अलका दास ने कहा कि भारत विकास परिषद् समाज के लिए अतुलनीय कार्य कर रहा है। समाज को आगे बढ़ाने के लिए महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाना होगा।
उच्चतम न्यायालय की अधिवक्ता मोनिका अरोड़ा ने बताया
कार्यक्रम की विशिष्ठ अतिथि और उच्चतम न्यायालय की अधिवक्ता मोनिका अरोड़ा ने बताया कि भारत विकास परिषद् एक वट वृक्ष के रूप में परिवार को सदस्य बनाता है। हमारी संस्कृति में नारी का भूत, भविष्य और वर्त्तमान, नारी के शक्ति का प्रतीक रहा है, दुर्गा, विदुषी, सावित्री आदि। हिन्दुओ के शंकराचार्य को भी महिला शास्त्रार्थ के लिए चुनौती दे सकती हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा,आज के युवाओं को अपने पैशन को अपना प्रोफेशन बनाने के लिए कार्यरत होना चाहिए।
भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री ने कहा
भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री, सुरेश जैन ने बताया कि हमारे जीवन में माँ और गुरु ही संस्कार निर्माण का कार्य करते हैं, हम सदैव कहते हैं “यत्र नारयतु पूजयन्ते रम्यन्ते तत्र देवता”।
JNU के कुलपति प्रोफेसर श्रीमती शांतिश्री धुलीपड़ी पंडित ने बताया
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रोफेसर श्रीमती शांतिश्री धुलीपड़ी पंडित ने बताया की वाराणसी में आयोजित कुलपति सम्मलेन में 46 में से 6 महिला महिला कुलपति हैं।
परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री गजेंद्र सिंह संधू ने बताया
कार्यक्रम अध्यक्ष और परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री गजेंद्र सिंह संधू ने बताया कि आज श्रोताओं को बहुत गुनी वक्ताओं को सुनने का अवसर मिला है। उनकी बातों को आत्मसात करना है। भारत को प्रकृति ने बनाया है, और हम विश्व को परिवार मानते हैं।