नई दिल्ली : पंजाब के पटियाला सब्जी मंडी में तैनात पुलिसकर्मियों पर कल जोरदार तलवार से हमला कर दिया गया था जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे (Punjab Update News) और उसमें से एक एएसआई का निहंग सिखों ने हाथ काट दिया था, एएसआई का हाथ कट जाने के बाद तुरंत पंजाब के पीजीआई में ले जाया गया, जहाँ उनका ईलाज चला।
Punjab Update News – हरजीत सिंह का हाथ जोड़ा
बता दें कि यहां प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट के अलावा अन्य सीनियर डॉक्टर्स ने 7 घंटे 30 मिनट की सर्जरी के बाद हरजीत सिंह का हाथ जोड़ा। (Punjab Update News) पीजीआई डायरेक्टर प्रो. जगतराम ने इसे बड़ी कामयाबी बताया है और डॉक्टर्स की टीम को बधाई दी है।
वहीं पटियाला में वारदात होते ही पीजीआई में इसकी जानकारी दे दी गई थी। घायल एएसआई के आने से पहले ही प्लास्टिक सर्जरी और एनेस्थीसिया की टीम गठित कर दी गई थीं। आते ही सर्जरी शुरू कर दी गई।
हाथ जोड़ने में इस टीम का अहम योगदान रहा
डिपार्टमेंट ऑफ प्लास्टिक सर्जरी के एचओडी प्रो. आरके शर्मा ने बताया कि ऐसे ऑपरेशन टीम वर्क से ही सफल हो पाते हैं। इसमें आधा दर्जन सीनियर रेजिडेंट्स और एनेस्थीसिया की टीम के अलावा नर्सिंग स्टाफ का अहम योगदान रहा। टीम का नेतृत्व सीनियर रेजिडेंट्स डॉ. सुनील गाबा, डॉ. जेरी आर जॉन ने किया। डॉ. सूरज नैयर, डॉ. मयंक, डॉ. चंद्रा, और एनेस्थीसिया टीम से डॉ. शुभेंदू, सीनियर रेजिडेंट डॉ. अभिषेक और पूर्णिमा भी मौजूद रहे। नर्सिंग टीम में सीनियर नर्सिंग अरविंद, स्नेहा और अर्ष की अहम भूमिका रही।
इन मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा
1. नसों में ब्लड सर्कुलेशन शुरू होना पहले बहुत जरूरी है तभी रिकवरी पर जोर दिया जा सकेगा।,
2. घाव भरने के बाद फिजियोथैरेपी से हाथ में मूवमेंट लाने के लिए कम से कम 6 महीने का समय लगेगा।
3. पूरी तरह रिकवर होने के बाद भी भारी सामान नहीं उठा पाएंगे।
पीजीआई डॉक्टरों की टीम ने जोड़ा मरीज का हाथ
डॉक्टरों का कहना है अगर कटे हाथ को पीजीआई लाने में देर हो जाती तो हाथ जोड़ना मुश्किल था। डिपार्टमेंट ऑफ प्लास्टिक सर्जरी के एचओडी आरके शर्मा ने बताया कि मरीज 7 बजकर 45 मिनट पर पीजीआई पहुंचा। एएसआई का हाथ तय स्टैंडर्ड के तहत लाया गया, जिससे हमारी टीम को ऑपरेशन करने में थोड़ी आसानी हुई। जिस हालत में एएसआई का हाथ पीजीआई लाया गया, उसमें अगर कुछ देर और हो जाती तो सर्जरी करना मुश्किल होता। हमने पहले ही डॉक्टर्स, एनेस्थीसिया और नर्सिंग स्टाफ की टीम बना ली थी। 10 बजे हाथ को री-इंप्लांट करना शुरू किया। पहले एनेस्थीसिया टीम ने मरीज को बेहोश किया। ऑपरेशन के दौरान मरीज को वेंटिलेटर पर रखा गया। सबसे पहले हड्डी जोड़ी। इसके बाद हाथ की नसों को रिपेयर कर जोड़ा। 20-25 मांसपेशियों को जोड़ा गया। 2 नर्व्स को जोड़ा गया। इस पूरे प्रोसेस में 7 घंटे 30 मिनट लगे। ज्यादा समय नसों को रिपेयर करने में लगता है, क्योंकि इन्हीं के जरिए ब्लड सर्कुलेशन संभव हो पाता है। टीम ने शाम 5:05 बजे सफल ऑपरेशन करने में सफलता हासिल की। ऑपरेशन सफल रहा और हाथ बिल्कुल सही तरीके से जुड़ गया है। अगले 24 से 48 घंटे मरीज अाैर हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इस दौरान हाथ में ब्लड सर्कुलेशन शुरू हुआ या नहीं, इसका पता चल जाता है। उम्मीद है सब सही होगा।
एएसआई ने काफी हिम्मत दिखाई
डॉक्टर आरके शर्मा ने कहा कि मरीज की विल पावर मजबूत थी, क्योंकि पटियाला में उनके सामने ही कटे हाथ को उठाया गया। सर्जरी सफल रही, अब आगे भी एएसआई की विल पावर ही काम रिकवरी में काम आएगी।शरीर का कोई अंग कट जाए तो ये करें।।