Ayodhya Ram Mandir: 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर को रामलाल की प्रतिष्ठा होने जा रही है। तो वहीं इसको लेकर कोई न कोई खबर सामने आ ही रही है। हालांकि बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने इसको लेकर कहा कि राम मंदिर को कोई एक हकदार नहीं है। दरअसल, उन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन के वक्त के लोगों को याद किया और कहा कि मंदिर का श्रेय सभी को जाना चाहिए। इसके साथ ही आपको बता दें कि राम जन्मभूमि की जब भी बात होती है तो सबसे पहले कारसेवकों को याद किया जाता है। जिन्होंने उस आंदोलन के दौरान अपनी जान तक दे दी थी। ये आंदोलन एक दो साल नहीं बल्कि 500 वर्षों तक चला था। ये आंदोलन लोगों को सदियों तक याद भी रहेगा। अंत में 22 जनवरी को वो खास पल आने भी वाला है।
500 वर्षों तक चला और सफल हुआ
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने बताया कि, “रामजन्मभूमि आंदोलन 500 साल का एक संघर्ष रहा है और किसी भी एक व्यक्ति को इसकी सफलता का पूर्ण श्रेय नहीं जा सकता। उन्होंने आगे कहा, ‘ये आंदोलन पांच सदियों तक चला। ये देश का इकलौता ऐसा आंदोलन है जो 500 वर्षों तक चला और सफल हुआ। इसका श्रेय किसी एक व्यक्ति को नहीं जा सकता है। ऐसे में मुझे लगता है कि सबसे पहले और सबसे ज्यादा श्रेय उनको जाना चाहिए, जिन्होंने इसके लिए अपनी जान दे दी और जिन्होंने विवादित ढांचे को ढहाया।”
अगर वो ढांचा न गिराया गया होता तो
उमा भारती ने कहा कि “अगर वो ढांचा न गिराया गया होता तो कोई भी सर्वे संभव नहीं था। उन्होंने कहा कि ढांचा गिरने के बाद सर्वे हुआ और सुप्रीम कोर्ट ने उसके नतीजों को स्वीकार किया। उमा भारती ने इस दौरान विश्व हिंदू परिषद के पूर्व प्रमुख अशोक सिंघल को भी याद किया। उन्होंने कहा, “इसके बाद श्रेय अशोक सिंघल को जाना चाहिए, जो आंदोलन को अगले स्तर तक ले गए। उनके नेतृत्व में हमने आंदोलन आगे बढ़ाया था।”
पीएम मोदी, अमित शाह और योगी को भी क्रेडिट
बीजेपी की कद्दावर नेता उमा भारती ने इसके बाद कहा कि मंदिर निर्माण का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी जाना चाहिए, जिन्होंने आंदोलन को अंतिम रूप दिया. हालांकि ज्यादा श्रेय उन लोगों को जाना चाहिए जिन्होंने आंदोलन के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया