नई दिल्ली – तकरीबन 1 साल पहले महाराष्ट्र के बुलढाणा (Buldana Maharashtra) में एक मासूम के साथ सामुहिक दुष्कर्म (Rape Case) की वारदात को अंजाम दिया गया था। इस मामले में बुलढाणा की विशेष ज़िला व सत्र न्यायालय (Buldana District Court) ने सुनवाई करते हुए मामले के 2 आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई है। आरोपियों को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद चिखली पुलिस स्टेशन (Chikhli Police Station) को पुलिसकर्मियों द्वारा दुल्हन की तरह सजा कर फैसले का स्वागत किया गया।
Rape Case : 26 अप्रैल 2019 की रात मासूम के साथ हुई थी हैवानियत
दरअसल 26 अप्रैल 2019 की रात को चिखली शहर में एक मासूम का 2 युवकों ने अपहरण किया और फिर उसके साथ सामुहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया। जिस वक्त नासुम का अपहरण हुआ, वो अपने पिता के साथ सोई हुई थी। युवकों ने मासुम को अगवा कर शहर की सुनसान जगह पर उसके साथ हैवानियत की घटना को अंजाम दिया। इस घटना को लेकर मासूम के पिता ने आरोपी सागर विश्वनाथ बोरकर और निखिल शिवाजी गोलाइत के खिलाफ रेप, पॉक्सो व एट्रोसिटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था।
हैवानियत की घटना को लेकर उबल पड़ा था पुरा चिखली शहर
मासूम के साथ हुई हैवानियत की घटना को लेकर पुरा चिखली शहर उबल पड़ा था। शहर में नागरिकों ने आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ने के लिए मोर्चे निकाले और एक दिन शहर भी बंद रखा गया था। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया और फिर बुलढाणा की विशेष ज़िला व सत्र न्यायालय में मामले की सुनवाई शुरु हुई। तकरीबन 1 साल बाद जब इस मामले में दोनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई, तो चिखली पुलिस स्टेशन को पुलिसकर्मियों ने दुल्हन की तरह सजा कर फैसले का स्वागत किया गया।
महिला पुलिसकर्मी ने कहा – “ऐसा हादसा कभी किसी के साथ न हो”
न्यायालय के इस फैसले का चिखली शहर के लोगों ने भी स्वागत किया। जिस महिला पुलिसकर्मी ने मासूम का मेडिकल करवाया था, उसने कहा कि वह दुआ करती है कि ऐसा हादसा कभी किसी के साथ न हो। वही चिखली पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर गुलाबराव बाघ ने कहा कि भारत के इतिहास में यह पहला पुलिस स्टेशन होगा जो आरोपियों को सजा होने के बाद लाइटिंग से सजाया गया और पटाखे फोड़े गए।