नई दिल्ली : Narayan Tatu Rane: महाराष्ट्र में सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। मंगलवार को महाराष्ट्र के कई हिस्सों से बीजेपी कार्यकर्ता और शिवसेना कार्यकर्ता के बीच जमकर मारपीट की तस्वीरें सामने आईं। दरसल सीएम उद्धव ठाकरे 15 अगस्त के मौके पर बोलते-बोलते ये भूल गए थे कि देश आजादी की हीरक जयंती मना रहा है या अमृत महोत्सव। उद्धव की ये भूल उन्हें काफी महंगी पड़ी।
राजनीति के नियमों का उल्लंघन: महाराष्ट्र
उनकी इसी बात को लेकर बीजेपी के केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने तंज कसा, तो शत्रुता की आग भड़क उठी। पुणे से लेकर मुंबई और मुंबई से लेकर औरंगाबाद तक शिवसैनिक सड़कों पर झंडे-बैनर लेकर उतर आए। दोनों दलों में आक्रोश का स्तर इतना ज्यादा था कि दोनों ने अपनी हदें पार कर राजनीति के नियमों का उल्लंघन किया। कार्यकर्ता भिड़ तो कहीं बीजेपी समर्थकों की पुलिस से नोक-झोंक हो गई।
बता दें, केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को थप्पड़ मारने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि ”स्वतंत्रता दिवस के दिन बाजू में खड़े सेक्रेटरी से वो (उद्धव) पूछते हैं कि देश को स्वतंत्र हुए कितने साल हुए, मैं होता तो उन्हें कान के नीचे थप्पड़ मार देता. ये क्या…तुम्हें तुम्हारे देश को स्वतंत्र हुए कितने साल हुए हैं इसकी भी जानकारी नहीं.”
राणे के खिलाफ अब तक 4 FIR दर्ज
उनके इस बयान के बाद शिवसेना कार्यकर्ताओं ने अलग – अलग जगह पर राणे के खिलाव FIR दर्ज करा दी। उसके बाद ही उन्हें (राणे ) मुंबई पुलिस ने सीएम को अपशब्द कहने के आरोप में हिरासत में ले लिया गया था। हालांकि कल रात उन्हें जमानत भी मिल गई थी। लेकिन उनके इस बयान ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी है। ख़बर है कि नासिक पुलिस ने नारायण राणे को नोटिस भेजा है। नोटिस में राणे को 2 सितंबर को पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा गया है, उद्धव ठाकरे पर विवादित टिप्पणी के मामले में ये नोटिस भेजा गया है. आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के खिलाफ इस मामले में अब तक 4 FIR दर्ज हो चुकी हैं।
राणे बाला साहेब ठाकरे के राज में शिवसेना के अहम हिस्सा थे ,लेकिन उद्धव ठाकरे के आने के बाद उन्हें लगा की पार्टी में उनकी अहमियत कम हो गयी है जिसके वजह से उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी, कुछ समय राणे कांग्रेस में भी रहे लेकिन उन्होंने उससे भी छोड़ दिया। राणे तीखा बोलते है स्पष्ट बोलते है उनके इस व्यव्हार से पीएम मोदी ने राणे को केंद्रीय मंत्री बना गया जो उद्धव को कभी राज नहीं आया। मंगलवार को हुई घटना में साफ़ जाहिर हो गया की दोनों दलों के बीच शत्रुता की नई लकीर खिंच गई है, और दोनों ही दल एक दूरसे को देख कर खुश नहीं रह सकते।