जनतंत्र डेस्क, लखनऊ: यूपी के पुलिस महानिदेशक यानी DGP मुकुल गोयल को योगी सरकार ने पद से हटा दिया है। सरकार का ये फैसला सुर्खियों में छाया हुआ है। सवाल है कि पिछले साल जून में मुकुल गोयल को पदभार सौंपा था फिर कुछ ही महीनों में क्यों योगी सरकार ने उनके खिलाफ एक्शन लिया।
दरअसल, मुकुल गोयल पर शासन के कामों में लापरवाही और क्राइम कंट्रोल न कर पाने का आरोप लगा है। माना जा रहा है कि CM योगी उनके काम से खुश नहीं थे। यही वजह है कि मुकुल गोयल को हटाने की काफी समय से यह चर्चा चल रही थी। दरअसल, यूपी में आपराधिक घटनाएं बढ़ने को लेकर सवाल खड़े हो रहे थे।
वहीं, मुकुल गोयल के कुछ फैसलों को विवादित भी बताया जा रहा है उनमें से एक इंस्पेक्टर हजरतगंज श्याम बाबू शुक्ला को हटाने का आदेश दे दिया। अचानक मीडिया के सामने डीजीपी के इस आदेश पर पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर भी हैरान थे। क्योंकि इंस्पेक्टर हजरतगंज श्याम बाबू शुक्ला कई दिनों से डेंगू से ग्रसित थे, गंभीर हालत में अस्पताल में इलाज करवा रहे थे।
वहीं, पिछले कुछ दिनों से पुलिस महकमा खुद विवादों से घिरा रहा। जिसमें खाकी भी दागदार हुई। ताजा मामले चंदौली और ललितपुर के हैं। ललितपुर के एक थाने में नाबालिग से पुलिस ने ही रेप की वारदात को अंजाम दिया। ऐसे मामलों में मुकुल गोयल की गंभीरता नजर नहीं आई और उनपर गैर जिम्मेदार होने के आरोप लगे।
1987 बैच के IPS अफसर मुकुल गोयल
शामली के रहने वाले मुकुल गोयल 1987 बैच के IPS अफसर हैं और एक जुलाई को यूपी पुलिस के मुखिया बनाए गए थे। अखिलेश यादव के शासन में मुकुल गोयल एडीजी लॉ एंड ऑर्डर रहे हैं।
कौन बनेगा नया DGP
नए अफसर के चयन तक एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार डीजीपी का काम संभालेंगे। चर्चा है कि नया DGP दिल्ली से आ सकता है। हालांकि वरिष्ठता के आधार पर DGP बनने की रेस में 4 IPS के नाम हैं। इनमें आरपी सिंह, जीएल मीणा और आरके विश्वकर्मा और डीएस चौहान शामिल हैं। मुकुल गोयल को 30 जून, 2021 को DGP बनाया गया था। योगी आदित्यनाथ के दूसरे कार्यकाल के 11 महीने बाद ही उन्हें हटा दिया गया।