नई दिल्ली : यूपी UP में उपद्रवियों से निपटने के लिए योगी सरकार सख्त नजर आ रही है, राजनीतिक जुलूसों, विरोध प्रदर्शनों और आंदोलनों के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों से योगी सरकार सख्ती से पेश आएगी, ऐसे आरोपियों से वसूली करने के लिए लाए गए यूपी रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी अध्यादेश को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मंजूरी दे दी है।
UP में वसूली का नोटिस जारी होते ही उनकी संपत्तियां कुर्क
वही राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मंजूरी के बाद अध्यादेश अधिसूचित कर दिया गया है, इस अध्यादेश को मंजूरी मिलते ही अब सरकार रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में क्लेम ट्रिब्यूनल बनाएगी, इसके फैसले को किसी भी कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकेगी, इतना ही नहीं UP में वसूली का नोटिस जारी होते ही उनकी संपत्तियां कुर्क हो जाएंगी, साथ ही आरोपियों के पोस्टर भी लगा दिए जाएंगे, ताकि कोई भी उन संपत्तियों को बेच न सके, क्लेम ट्रिब्यूनल के पास दीवानी अदालत की तरह अधिकार होंगे, इसमें अध्यक्ष के अलावा एक और सदस्य भी होगा, जो सहायक आयुक्त स्तर का होगा, नुकसान के आकलन के लिए दावा आयुक्त की तैनाती की जा सकती है, दावा आयुक्त की मदद के लिए एक-एक सर्वेयर की तैनाती भी का जा सकती है।
बता दे कि तीन महीने के अंदर क्लेम ट्रिब्यूनल के समक्ष अपना दावा पेश करना होगा, और उपयुक्त वजह होने पर दावे में हुई देरी को लेकर 30 दिन का अतिरिक्त समय दिया जा सकेगा, दावा पेश करने के लिए 25 रुपए की कोर्ट फीस के साथ आवेदन करना होगा. अन्य आवेदन के लिए 50 रुपए कोर्ट फीस और 100 रुपए प्रॉसेस फीस देनी होगी।
- उपद्रवियों से सख्ती से निपटेगी योगी सरकार
- राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अध्यादेश को दी मंजूरी
- रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में बनेगी क्लेम ट्रिब्यूनल
- वसूली का नोटिस मिलते ही होंगी संपत्तियां कुर्क
- क्लेम ट्रिब्यूनल के पास दीवानी अदालत की तरह होंगे अधिकार